श्रावस्ती घूमने का है मन तो जेतवन मठ जाना न भूलें, ये हैं टॉप 5 टूरिस्ट प्लेस
श्रावस्ती
उत्तर प्रदेश का श्रावस्ती जिले खास है। यह स्थान गौतम बुद्ध के समय से ही अस्तित्व है। इश शहर का जिक्र महाभारत में मिलता है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक राजा श्रावस्त के नाम पर इस जिले का नाम रखा गया है। श्रावस्ती की गिनती यूपी के प्रमुख तीर्थ स्थलों के तौर पर होता है। यहां स्थित जेतवन मठ प्राचीन बौद्ध मठ है। आज की स्टोरी में हम आपकों श्रावस्ती के टॉप 5 टूरिस्ट प्लेस के बारे में बताने जा रहे हैं।
सुहेलदेव वन्यजीव अभयारण्य
सुहेलदेव वन्यजीव अभयारण्य 452 वर्गकिलोमीटर में फैला हुआ है। यह भारत-नेपाल बॉर्डर स्थित है। इसके वन क्षेत्रों में खैर और शीषम के पेड़ बहुतायत है। इसके अलावा जामुन के पेड़ भी संख्या में कम नहीं हैं। इस जंगल में बाघ, तेदुंआ, भालू, जंगली शुअर, बंदर, लंगूर, अजगर समेत कई अन्य जानवरों का घर है। इसके अलावा यहां विभिन्न प्रकार के पक्षी ब्लैक पैरिट बटेर, किंग फिषन, मैना और उल्लू जैसे पक्षी पाए जाते हैं।
विपश्यना ध्यान केंद्र
राज्य हाइवे 26 पर बुद्ध इंटर कॉलेज के सामने विपश्यना ध्यान केंद्र स्थापित है। यह स्थान ध्यान केंद्र है। यहां साल में दो बार दस दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। प्रत्येक कार्यक्रम में 50 ट्रेनी भाग लेते हैं।
कच्ची कुटी
महेट क्षेत्र में दो टीले हैं। खुदाई से प्राप्त कच्ची कुटी का पता चला है। यह पक्की कुटी के दक्षिण पूर्व में स्थित है। इस स्थान के बारे में विद्वानों के बीच मतभेद है। कुछ विद्वानों के मुताबिक इस स्थान काी संबंध ब्राह्मण मंदिर से है। वही दूसरे विद्वानों के मुताबिक चीनी यात्री फाह्नान और ह्वेनसांग इसे अनथपिंण्डक से संबंधित बताते हैं।
पक्की कुटी
पक्की कुटी महेट क्षेत्र की सबसे बड़े टीले में से एक है। इस टीले का जिक्र चीनी यात्री फाह्नान और ह्वेनसांग द्वारा किया गया है। ऐसा माना जाता है कि इस टीले का निर्माण प्रसेनजीत ने करवाया था। हालांकि समय-समय पर इसमें और नयी चीजे जोड़ती चली गईं।