November 27, 2024

नेत्रहीन बच्चों के साथ बांटी दीपावली की खुशियां

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रायपुर

जिंदगी ना मिलेगी दोबारा सेवा भावी संस्था  के सदस्यों ने  रायपुर में  दृष्टिबाधित बालिकाओं के छात्रावास प्रेरणा  पहुँचकर उनके साथ दीपावली मनाया। हर बार की तरह इस वर्ष भी रायपुर के एक कोने में मानवता की दीपावली के दीप जलाए और जिंदगी के अंधेरे में जीवन जीने को मजबूर नेत्रहीन  दिव्यांग बालिकाओं के साथ दिवाली मनाई गई। कुछ घंटों के लिए ही सही, उनकी जिंदगी रोशनी से जगमगा गई। संस्था के सदस्यों  ने उनका हौसला बढ़ाकर इस  दीपावली  को और आनंदमय तथा सार्थक बना दिया। हर साल इस तरह अनोखी दिवाली मनाई जाती है। संस्था ने विगत 5 साल से बगैर किसी प्रचार या शोर-शराबे के यह सार्थक कार्य किया  है।

संस्था के संरक्षक अजय शर्मा ने बताया कि उनकी संस्था के सेवाभावी सदस्यगण हर वर्ष  किसी ऐसे तबके के साथ दीपावली का  त्यौहार मनाते हैं जिन्हें वास्तव में ऐसे मौके पर अपने परिवार की आवश्यकता होती है ,जैसे श्रमिक बस्ती, बाल आश्रम, वनवासी कल्याण आश्रम, दिव्यांग स्कूल, वृद्धाश्रम आदि। इस बार उन्होंने रायपुर के हीरापुर स्थित दृष्टि बाधित 100 बॉलिकाओं के छात्रावास प्रेरणा मे  दीपावली का पर्व  बड़े उत्साह से  मनाया।

रोशनी का त्योहार दीपावली , लेकिन कई लोग ऐसे हैं जिनकी आंखों में रोशनी नहीं है. बावजूद इसके दीपावली को लेकर उनमें उत्साह की कोई कमी नहीं है. इनके उत्साह में  कुछ सेवाभावी ऐसे लोग शामिल हो कर न सिर्फ इन्हें खुशी के दो पल देते हैं बल्कि समाज को भी एक नई रोशनी दे रहे हैं. ऐसा ही नजारा दीपावली पर रायपुर के दृष्टिबाधित बच्चियों के छात्रावास  प्रेरणा में देखने को मिला। दीपावली के त्योहार में समाज के हमारे जैसे  कुछ ऐसे लोग इनके साथ होते हैं जिनकी सोच जुदा होती है. इनमें से कुछ लोग अपने घर से बना खाना ला कर इन्हें अपने हाथों से खिलाते हैं तो कुछ लोग इन्हें मिठाई और पटाखे दे कर अपनी खुशियां बांटते हैं.

अपनो से दूर  ये बच्चे भी  पर्व के पूर्व ही सहीं पर लोगों का साथ पा कर काफी खुश हुए. बच्चों की खुशी बच्चों के चेहरों पर आसानी से पढ़ी जा सकती थी. यही वजह है कि जब इन्हें पटाखे चलाने का मौका मिला तो कुदरत के दिए दर्द को भी ये भूल गए। इन दृष्टिबाधित बालिकाओं को देखकर लगा कि  हौसलों के आगे कोई परदा नहीं होता। कड़े परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता। दिल में हो जज्बा कुछ कर दिखाने का, तो जलते दीए को आंधी का डर नहीं होता।

मौके पर नेत्रहीन बच्चों को संस्था की ओर से उपहार दिए गए। संस्था के सदस्यों ने प्रेरणा के बच्चों के लिए खानेपीने की चीजें, मिठाई , आइसक्रीम, पटाखे, फुलझड़ी, मोमबत्ती,चॉकलेट आदि प्रदान किया गया। दृष्टिबाधित बच्चों ने एक से बढ़कर एक सांगीतिक  प्रस्तुति देकर  माहौल को खुशनुमा बनाया। इस आयोजन से संस्थान के बच्चों के चेहरे पर बेहद  खुशी झलक रही थी।  इस आयोजन में संस्था के संरक्षक अजय शर्मा, अध्यक्ष सुषमा तिवारी, चंद्रसेना दीवान, स्वाति सोनी, हेमलता,सुमन शर्मा, बिहारी लाल शर्मा, सन्तोष साहू, मनीषा चंद्राकर,नीलिमा मिश्रा, ममता बडगैया, रश्मि शर्मा, प्रतिभा गुप्ता  सहित अन्य सदस्यगण उपस्थित रहे।

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