थर्मल पावर प्लांट की इकाई बंद होने से रोज 50 लाख यूनिट बिजली का नुकसान
जबलपुर
चचाई की अमरकंटक थर्मल पावर प्लांट की 210 मेगावाट की इकाई फिलहाल वार्षिक रखरखाव के नाम पर 61 दिनों से बंद है। दो माह से ज्यादा समय से इकाई बंद रहने की वजह से अब सवाल खड़े होने लगे हैं। वजह यह है कि मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी की अमरकंटक ताप गृह की यह इकाई सबसे बेहतर बिजली उत्पादन कर रही थी। मौजूद वर्ष 2022-23 में बंद होने से पहले तक बिजली उत्पादन 92.95 प्रतिशत रहा। अब इकाई से बिजली नहीं बनने से प्रदेश को हर दिन 50 लाख यूनिट बिजली यानी तकरीबन दो करोड़ रुपये की बिजली का नुकसान उठाना पड़ रहा है। मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी के पूर्व अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि कंपनी के अदूरदर्शी निर्णयों से विभाग को हर दिन 2 करोड़ रुपये की बिजली का नुकसान हो रहा है। रबी सीजन के पहले इकाई का रखरखाव कराया जाना था वह भी 30 दिन की निश्चित समय सीमा के अंदर।
इकाई बंद होने पर सवाल इसलिए-
210 मेगावाट की इकाई से 16 अगस्त 2022 तक बिजली उत्पादन 92.95 प्रतिशत तक रहा है। 17 अगस्त को यह इकाई वार्षिक रखरखाव के नाम पर बंद की गई। हैरानी की बात है कि दो माह से ज्यादा वक्त गुजरने के बाद भी यह इकाई अभी तक चालू नहीं हो पाई है, जबकि सामान्य रूप से वार्षिक रखरखाव में 30 दिन अधिकतम समय लगता है। बताया जाता है कि इकाई के जनरेटर की बाइंडिंग में तकनीकी खराबी आई हुई है, जिसे जाहिर नहीं किया जा रहा है। सवाल ये है कि शानदार बिजली उत्पादन करने वाली इस इकाई में एकाएक खराबी किस वजह से आई इस सवाल का जवाब फिलहाल अफसरों के पास नहीं है।