November 25, 2024

कल करेंगे केदारनाथ-हेमकुंड रोपवे का शिलान्यास PM मोदी, फिर सैनिकों संग मनाएंगे दिवाली

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देहरादून
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का केदारनाथ और बदरीनाथ धाम का दौरा तय हो गया है। पीएम शुक्रवार 21 अक्तूबर को उत्तराखंड आएंगे, इसी दिन वो केदारनाथ रोपवे, हेमकुंड रोपवे के साथ ही माणा तक डबल लेन सड़क का शिलान्यास करेंगे। इसके बाद वो 22 अक्तूबर को वापस लौट जाएंगे। मोदी 21 अक्तूबर को सुबह सात बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचेंगे, यहां से वो केदारनाथ धाम के लिए उड़ान भरेंगे। धाम में सबसे पहले वो मंदिर में दर्शन पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद उन्हें केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट का शिलान्यास करना है। मोदी यहां केदारनाथ पुनर्निमाण में लगे श्रमिकों से भी बात करेंगे।

सैनिकों संग मनाएंगे दिवाली
केदारनाथ में तीन घंटे बिताने के बाद पीएम बदरीनाथ रवाना होंगे। यहां भी पहले दर्शन और पूजा का कार्यक्रम है। फिर उन्हे माणा गांव में प्रस्तावित समारोह में भाग लेना है। पीएम माणा में ही हेमकुंड साहिब रोपवे और माणा तक डबल लेन सड़क का शिलान्यास करेंगे। इसी दिन दोपहर उनका सैनिकों के साथ भी दिवाली मनाने का कार्यक्रम है।

  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां रिवरफ्रंट विकास कार्य की प्रगति की समीक्षा करेंगे तथा माणा गांव में सड़क और रोपवे परियोजना की आधारशिला रखेंगे. पीएमओ के मुताबिक, इसके बाद करीब 2 बजे प्रधानमंत्री ‘‘अराइवल प्लाजा’’ और झीलों के विकास कार्य की भी समीक्षा करेंगे. केदारनाथ का रोपवे 9.7 किलोमीटर लंबा होगा और यह गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा. इससे दोनों स्थानों की यात्रा का समय करीब 30 मिनट हो जाएगा. फिलहाल इस दूरी को तय करने में 6 से 7 घंटे का समय लगता है. हेमकुंड का रोपवे गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ेगा. इसकी लंबाई करीब 12.4 किलोमीटर होगी. इससे इस दूरी को 45 मिनट में पूरा किया जा सकेगा. अभी इस दूरी को तय करने में करीब दिन भर लग जाते हैं. यह रोपवे घांघरिया को फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क से भी जोड़ेगा.

केदारनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों को ले जा रहे एक हेलीकॉप्टर के क्रैश होने के बाद राज्य की हेली सेवा सुरक्षा के लिहाज से सवालों के घेरे में है। यह चर्चा का विषय है कि केदारनाथ के लिए अंधाधुंध हेली टैक्सियों का संचालन यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से कितनी उचित है? पहली नजर में सरकार के नीति नियंताओं के हिसाब से रोपवे या केबिल कार हेली टैक्सी की तुलना बहुत अधिक सुरक्षित और किफायती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मानना है कि हिमालयी और उत्तर-पूर्वी राज्यों में हेली सेवाओं का संचालन हमेशा से ही चुनौतीपूर्ण रहा है। उनके मुताबिक, सरकार इन चुनौतियों को सामने रखकर इस तरह से काम करेगी, जिससे दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

 

केदारनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों को ले जा रहे एक हेलीकॉप्टर के क्रैश होने के बाद राज्य की हेली सेवा सुरक्षा के लिहाज से सवालों के घेरे में है। यह चर्चा का विषय है कि केदारनाथ के लिए अंधाधुंध हेली टैक्सियों का संचालन यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से कितनी उचित है? पहली नजर में सरकार के नीति नियंताओं के हिसाब से रोपवे या केबिल कार हेली टैक्सी की तुलना बहुत अधिक सुरक्षित और किफायती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मानना है कि हिमालयी और उत्तर-पूर्वी राज्यों में हेली सेवाओं का संचालन हमेशा से ही चुनौतीपूर्ण रहा है। उनके मुताबिक, सरकार इन चुनौतियों को सामने रखकर इस तरह से काम करेगी, जिससे दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

https://newsnineharyana.com/india-news/uttarakhand-pm-narendra-modi-will-lay-foundation-stone-of-kedarnath-ropeway-on-21-october-494331

केदारनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों को ले जा रहे एक हेलीकॉप्टर के क्रैश होने के बाद राज्य की हेली सेवा सुरक्षा के लिहाज से सवालों के घेरे में है। यह चर्चा का विषय है कि केदारनाथ के लिए अंधाधुंध हेली टैक्सियों का संचालन यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से कितनी उचित है? पहली नजर में सरकार के नीति नियंताओं के हिसाब से रोपवे या केबिल कार हेली टैक्सी की तुलना बहुत अधिक सुरक्षित और किफायती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मानना है कि हिमालयी और उत्तर-पूर्वी राज्यों में हेली सेवाओं का संचालन हमेशा से ही चुनौतीपूर्ण रहा है। उनके मुताबिक, सरकार इन चुनौतियों को सामने रखकर इस तरह से काम करेगी, जिससे दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

https://newsnineharyana.com/india-news/uttarakhand-pm-narendra-modi-will-lay-foundation-stone-of-kedarnath-ropeway-on-21-october-494331

 

 

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