तिलक लगाकर स्कूल पहुंचे विद्यार्थियों को टीचर ने बेरहमी से पिटा
छिंदवाड़ा
छिंदवाड़ा में स्कूल में विद्यार्थियों का तिलक लगाकर आना एक शिक्षक को पसंद नहीं आया। जिसके बाद शिक्षक ने करीब 5-6 विधार्थियों की जमकर पिटाई कर दी। इस मामले की सूचना मिलते ही छात्रों के परिजन स्कूल में पहुंचकर जमकर हंगामा किया। जिसके बाद स्कूल मैनेजमेंट ने पिटाई करने वाले शिक्षक को स्कूल से हटा दिया है। विभाग द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है। साथ ही पुलिस ने भी कार्यवाई शुरू कर दी है।
दरअसल मामला आदिवासी विकासखंड बिछुआ का है। जहां कक्षा 6 और 7 के छात्र अपने माथे में तिलक लगाकर स्कूल आए थे। लेकिन इसी दौरान शिक्षक ओमप्रकाश ढोके ने छात्रों के तिलक लगाकर आने से नाराज होकर उनकी जमकर पिटाई कर दी। जिसके बाद इस घटना की जानकारी छात्रों ने घर पहुंंचकर अपने परिजनों को दी। और फिर उन सभी ने स्कूल पहुंचकर हंगामा कर दिया।
वहीं बच्चों ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि शिक्षक लगातार हिंदू घर्म का विरोध करते रहे है। पिछले दिनों मंदिरों में बजने वाले लाउडस्पीकर का भी विरोध किया था। जिसके जवाब में शिक्षक ने कहा था कि इसका शोर बर्दाश्त नहीं होता। एसआई पूनम उइके ने बताया कि टीचर के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सहायक आयुक्त सत्येंद्र मरकामने बताया कि शिकायत के तत्काल बाद बीईओ को जांच हेतु घटनास्थल भेजा गया था। टीचर के सस्पेंशन का प्रतिवेदन मिला है। शिक्षक को स्कूल से हटाकर स्थानांतरित कर दिया गया है। टीचर के खिलाफ जांच बैठाकर कार्रवाई शुरु कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार पिछले दिनों मध्य प्रदेश के विदिशा के एक स्कूल पर आरोप था वहां के बच्चों ने 6 साल तक राष्ट्रगान नहीं गाने दिए जा रहा है। जिसके बाद जांच में बता चला स्कूल की पूर्व प्राचार्य ने मजार नुमा चबूतरा बनवाया था। जिस कारण वहां पर बच्चों को राष्ट्रगान नहीं गाने देते थे।
बता दें कि एक तरफ मध्य प्रदेश सरकार सब पढ़ो, सब बढ़ो का नारा लगा शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में आमादा है। लेकिन कुछ स्कूलों की मनमानी के चलते बच्चें स्कूल जाने से डरते हैं। और पढ़ाई से मुंह छिपाते दिखते रहते हैं। वजह है उन स्कूल में टीचरों की हैवानियत, जहां बच्चे में खौफ भर दिया जाता है। मामूली सी बात पर भी बच्चों को मारा जाता है और कुछ टीचर तो मासूम बच्चों को तालीबानी सजा देने से भी नहीं चूकते।