आला अफसर की उदासीनता प्रदेश में डीएसपी के खाली पड़े 337 पद
भोपाल
प्रदेश में डीएसपी के खाली पदों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके बाद भी निरीक्षकों को कार्यवाहक डीएसपी नहीं बनाया जा रहा है। इस संबंध में करीब सवा महीने से प्रस्ताव अटका पड़ा हुआ है। वहीं होमगार्ड के कंपनी कमांडर को कार्यवाहक जिला सेनानी बना दिया है, लेकिन पुलिस में कार्यवाहक डीएसपी बनाए जाने को लेकर पुलिस मुख्यालय से लेकर गृह विभाग तक के आला अफसर उदासीन हैं। प्रदेश में डीएसपी के करीब 337 पद खाली पड़े हुए हैं। इन पदों में से पदोन्नति के जरिए भरे जाने वालों पदों पर 120 निरीक्षकों को कार्यवाहक डीएसपी बनाए जाने का प्रस्ताव बनाया गया था। जिसे लेकर प्रदेश भर की सभी ईकाईयों से निरीक्षकों को रिकॉर्ड मंगवाया गया था। तीन से चार बार इन सभी के अलग-अलग संदर्भ में रिकॉर्ड तलब करवाया जा चुका है। रिकॉर्ड आने के बाद दो बार डीपीसी की बैठक हो चुकी है, इसके बाद भी इन निरीक्षकों को कार्यवाहक डीएसपी बनाए जाने का फैसला गृह विभाग नहीं ले पाया है।
पिछले साल बने थे 150 कार्यवाहक डीएसपी
प्रमोशन में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के चलते राज्य सरकार ने पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रमोशन देने का रास्ता अधिकारियों को एक ऊपर के पद पर कार्यवाहक के तौर पर पदस्थ करने का निर्णय लिया था। इसी क्रम में इस साल पुलिस मुख्यालय की प्रशासन शाखा ने खाली पड़े डीएसपी के पदों में से 120 पदों पर निरीक्षकों को कार्यवाहक डीएसपी बनाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा गया है। इस प्रस्ताव में इन सभी निरीक्षकों को वन टाइम वाली शर्त पर कार्यवाहक डीएसपी का प्रभार दिए जाने का प्रस्ताव है।
निरीक्षक हो रहे हताश
पदोन्नति की आस में निरीक्षक रिटायर होते जा रहे हैं। कई तो ऐसे निरीक्षक हैं जो अपनी पूरी नौकरी में सिर्फ एक पदोन्नति ही पा सके और अब जल्द ही रिटायर होने वाले हैं। वहीं दूसरी ओर आरक्षक से लेकर उपनिरीक्षक तक को कार्यवाहक के रूप में एक पद ऊपर का प्रभार इस वर्ष दिया जा चुका है, लेकिन निरीक्षकों को डीएसपी का कार्यवाहक प्रभार इस वर्ष अब तक नहीं मिला।