प्रदेश के जनजातीय कार्य विभाग में तैनात संभागीय उपायुक्तों के बढ़े पॉवर
भोपाल
प्रदेश के जनजातीय कार्य विभाग में तैनात संभागीय उपायुक्तों के पावर बढ़ा दिए गए है। जिलों में कार्यरत नवीन शिक्षक संवर्ग के उच्च माध्यमिक शिक्षकों द्वारा की जाने वाली लापरवाही और गल्तियों के लिए वे उन्हें दंडित कर सकेंगे।
जनजातीय कार्य विभाग ने सभी संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति विकास को प्रशासकीय एवं वित्तीय नियंत्रण सौपते हुए विभाग के जिला अधिकारियों सहायक आयुक्त, जिला संयोजक, प्राचार्य सहायक यंत्री, सहायक यंत्री परियोजना अधिकारी लघु एवं मध्य परियोजना की सेवा पुस्तिका का संधारण तथा संभाग में पदस्थ द्वितीय श्रेणी अधिकारियों तक के परिनिंदा की लघु शास्ति एवं तृतीय श्रेणी कर्मचारियों तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के मामले में दीर्धशास्ति के अधिकार सौपे गए है। इसी कड़ी में अब सभी संभागीय उपायुक्तों को और अधिक पावर फुल बनाया गया है। जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग संभागीय उपायुक्त अब उच्च माध्यमिक शिक्षकों के विरुद्ध लघु शास्ति लगा सकेंगे। इसमें जिन शिक्षकों का परफारमेंस लगातार बिगड़ रहा है। जो ड्यूटी से बिना बताए अनुपस्थित रहते है। जो पढ़ाई और अन्य सौपे गए दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही करते पाए जाएंगे उनके विरुद् अब संभागीय उपायुक्त सीधे एक्शन ले सकेंगे। वे ऐसे शिक्षकों को सुधारने के लिए दंडित कर सकेंगे। इससे निचले स्तर के अधिकारियों के पास पावर विकेन्द्रीकरण होंने से स्कूलों का परफारमेंस और बेहतर करने में मदद मिल सकेगी।