जंगल बचाने के लिए लकड़ी कटाई से लेकर वनोपज संग्रहण तक चौतरफा नजर
भोपाल
जंगल से आरा मशीनों पर पहुंचने वाली लकड़ी की कटाई में दस्तावेज नहीं मिलने, अन्य गड़बड़ियां मिलने पर अब कारावास की सजा नहीं होगी लेकिन जुर्माना छह हजार से बढ़ाकर बीस हजार रुपए कर दिया गया है। इसी तरह तेंदुपत्ता संग्रहण में गड़बड़ी करने पर अब पचास हजार रुपए तक जुर्माना हो सकेगा।
राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश काष्ठ चिरान विनियमन संशोधन अधिनियम और मध्यप्रदेश तेंदुपत्ता व्यापार विनियमन संशोधन अधिनियम में इसका प्रावधान कर दिया है। दोनो अधिनियमों को राज्यपाल की अनुमति मिल गई है और राज्य सरकार ने इसे लागू कर दिया है।
केन्द्र सरकार ने राज्यों से पूछा था कि उनके यहां किन नियमों में बदलाव की जरुरत है। वन विभाग ने दो नियमों में बदलाव की जरुरत बताई थी। इसके लिए बाकायदा संशोधन अधिनियम तैयार कर राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजे गए थे। अब राज्यपाल ने इन पर अनुमति प्रदान कर दी है।
यह हुए बदलाव
आरा मशीनों पर आने वाली लकड़ी और कटाई के बाद रखी गई लकड़ी और वन संपदा के दस्तावेज नहीं मिलने या उनमें गड़बड़ी मिलने पर अभी तक आरा मशीन संचालक को भी छह माह तक कारावास की सजा से दंडित करने का प्रावधान था। अब सरकार ने इसमें कारावास का प्रावधान खत्म कर दिया है। इसकी जगह अब जुर्माना राशि बढ़ा दी गई है। अभी तक छह माह का कारावास या छह हजार रुपए जुर्माना या दोनो सजाए देने का प्रावधान था। अब इसकी जगह इस तरह के अपराधों के लिए पहली बार अपराध पर दस हजार रुपए, दूसरी बार या उसके बाद लगातार अपराध पर जुर्माने की राशि बढ़ाकर बीस हजार रुपए कर दी गई है। इस तरह तीन गुना से अधिक जुर्माना राशि कर दी गई है।
तेंदुपत्ता के अवैध संग्रहण पर पचास हजार तक जुर्माना
तेंदुपत्ता व्यापार एवं विनियमन संशोधन अधिनियम 2022 में अब अवैध रुप से तेंदुपत्ता रखा पाए जाने पर जुर्माने की राशि बढ़ाकर पचास हजार रुपए तक कर दी गई है। जुर्माने की राशि इस तरह के अपराध में न्यूनतम पांच हजार रुपए से कम नहीं होगी। अधिकतम जुर्माना राशि पचास हजार रुपए तक हो सकेगी। इसमें भी कारावास के प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है।