आंखों का ऑपरेशन होने के बाद पता चला फर्जी है आयुष्मान कार्ड, अब भुगतान के लिए अस्पताल बना रहा है दबाव
बरेली
उत्तर प्रदेश के बरेली में फर्जी आयुष्मान कार्ड पर ऑपरेशन करने का मामला सामने आया है। जब अस्पताल ने भुगतान की प्रक्रिया शुरू होने पर कार्ड फर्जी होने के कारण से ब्लॉक कर दिया गया है और भुगतान रिजेक्ट हो गया। इस मामले में सीएमओ कार्यालय की तरफ से जनसेवा केंद्र के खिलाफ एक्शन लेने के लिए रिपोर्ट भेजी गयी है।
ये मामला सैदपुर हाकिंस का है। मोहम्मद हफीज ने अपनी पत्नी लालिया को शेखर नेत्र अस्पताल में पिछले साल भर्ती कराया था। उस वक्त मोहम्मद हफीज ने अस्पताल को बताया था कि उनके पास आयुष्मान कार्ड है। कार्ड नंबर लेकर अस्पताल प्रबंधन ने 2 नवंबर को लालिया का एक आंख का ऑपरेशन कर दिया। इसके बाद इसी अस्पताल ने दोबारा आयुष्मान कार्ड पर ही 23 नंवबर को दूसरी आंख का ऑपरेशन कर दिया।
ऑपरेशन के बाद पता चला फर्जी है कार्ड
जब पैमेंट के लिए पोर्टल पर कार्ड की डिटेल अपलोड की गई तो आयुष्मान कार्ड के फर्जी होने का पता चला सत्यापन में कार्ड संदिग्ध मिला तो उसे ब्लॉक कर दिया गया और भुगतान पर रोक लगा दी गई। इसके बाद अस्पताल ने मोहम्मद हफीज से संपर्क कर उन्हें दोनों ऑपरेशन का खर्च की मांग करने लगा। लेकिन उन्होंने रुपये देने से मना कर दिया और कहा कि इलाज आयुष्मान कार्ड हुआ है। इसके बाद ये मामला सीएमओ कार्यालय पहुंचा।
जनसेवा केंद ने 400 रुपये में बनाया था कार्ड
मोहम्मद हफीद से पूछताछ के दौरान पता चला कि आयुष्मान कार्ड एक जनसेवा केंद्र ने 400 रुपये में बनाया था। इसके बाद सीएमओ कार्यालय ने फर्जी कार्ड बनाने वाले जनसेवा केंद्र के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी। बरेली में अब तक 33 फर्जी कार्ड मिल चुके हैं।