2019 के बाद पहली बार वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप-5 में पहुंचीं सिंधु, ध्रुव-अर्जुन ने भी किया कमाल
नई दिल्ली
भारत की स्टार शटलर पीवी सिंधु तीन साल बाद बैडमिंटन की वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप पांच में जगह बनाने में कामयाब हो पाई हैं। बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड रैंकिंग द्वारा जारी की गई ताजा रैंकिंग में 27 वर्षीय सिंधु पांचवें स्थान पर पहुंच गई हैं। सिंधु की रैंकिंग में सुधार उनके चोटिल होने के बावजूद हुआ है। सिंधु बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के बाद से चोटिल हैं और कोई टूर्नामेंट नहीं खेल पाई हैं।
सिंधु 87,218 अंकों के साथ मौजूदा रैंकिंग में छठे से पांचवें स्थान पर पहुंच गई हैं। सिंधु ने इस साल बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में महिला सिंगल्स में स्वर्ण पदक जीता था। यह उनका कॉमनवेल्थ गेम्स में दूसरा स्वर्ण और कुल पांचवां पदक था। 2018 गोल्ड कोस्ट में मिक्स्ड टीम इवेंट में सिंधु ने स्वर्ण जीता था। इसके अलावा वह दो रजत और एक कांस्य पदक जीत चुकी हैं।
सिंधु पिछली बार सितंबर 2019 में दुनिया की टॉप फाइव रैंकिंग में शामिल हुई थीं। वह इस महीने शीर्ष पांच में जगह बनाने से पहले इस साल की शुरुआत में आठवें स्थान पर आ गई थीं। पिछले कुछ समय तक सिंधु सातवें स्थान पर बनी हुई थीं, क्योंकि बीडब्ल्यूएफ ने कोरोना के कारण विश्व रैंकिंग को फ्रीज कर दिया था। पीवी सिंधु की अब तक की सर्वश्रेष्ठ विश्व रैंकिंग अक्तूबर 2018 में आई थी, जब वह दूसरे नंबर पर पहुंच गई थीं।
इस साल की शुरुआत में राष्ट्रमंडल खेलों में अपना पहला एकल स्वर्ण पदक जीतने के बाद से सिंधु एक्शन से गायब हैं। उन्हें टूर्नामेंट के दौरान टखने की चोट से जूझना पड़ा था। इसके बावजूद वह खेलती रही थीं। सिंधु ने सोमवार को कोर्ट में वापसी की और अपनी ट्रेनिंग शुरू कर दी है। अब उनकी नजर इस साल के अंत में होने वाले वर्ल्ड टूर फाइनल्स में पदक जीतने पर होगी।
पीवी सिंधु ने 2016 ओलंपिक में रजत और 2020 ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। वहीं, विश्व चैंपियनशिप में वो छह पदक जीत चुकी हैं। उन्होंने 2019 में स्वर्ण, 2018 और 2017 में रजत और 2013-2014 में कांस्य पदक हासिल किया था। एशियन गेम्स में सिंधु ने 2018 में रजत और 2014 में महिला टीम के साथ कांस्य पदक जीता है। कॉमनवेल्थ में भी सिंधु के नाम एक रजत, एक कांस्य और टीम इवेंट में एक स्वर्ण पदक है। एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने 2014 में कांस्य पदक जीता था।
सिंधु एक बार बीडब्लूएफ वर्ल्ड टूर जीत चुकी हैं और एक बार उपविजेता रही हैं। इंडिया ओपन सुपर सीरीज में वो 2017 में चैंपियन बनी थीं और 2018 में उपविजेता रहीं। 2016 में उन्होंने चीन ओपन भी जीता। सिंधु 2017 में कोरिया ओपन सुपर सीरीज भी जीत चुकी हैं।
मेंस सिंगल्स में एचएस प्रणय एक स्थान के सुधार के साथ 12वें स्थान पर पहुंच गए हैं। वहीं, कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट लक्ष्य सेन आठवें और किदांबी श्रीकांत 11वें स्थान पर बने हुए हैं। सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की मेंस डबल्स की जोड़ी आठवें स्थान पर है।
भारत के लिए शानदार फॉर्म में चल रहे अर्जुन और ध्रुव ने भी इस साल कई मैच जीते हैं। इन दोनों साल की शुरुआत 42वें पोजिशन से की थी। अब वह 19वें पायदान पर पहुंच गए हैं। इन दोनों ने हाल ही में इंडिया महाराष्ट्र इंटरनेशनल चैलेंज 2022 खिताब जीता था। यह दोनों किसी भी टूर्नामेंट में उलटफेर करने में माहिर है।
इसका उदाहरण बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप में देखने को मिला था, जब इस भारतीय जोड़ी ने 40 मिनट के अंदर डेनमार्क के किम अस्त्रुप और एंडर्स रासमुसन की वर्ल्ड नंबर आठ जोड़ी को हरा दिया था। इसके अलावा त्रिशा जॉली और गायत्री गोपीचंद की महिला डबल्स की जोड़ी भी 27वें स्थान पर पहुंच गई है। साथ ही ईशान और तनिषा की मिक्स्ड डबल्स की जोड़ी 29वें स्थान पर पहुंच गई है।