सीएम शिवराज ने राजधनी की बदहाल सड़कों पर जताई नाराजगी, ठीक करने के दिए निर्देश
भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मीटिंग कर भोपाल की सड़कों को ठीक करने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, CM ने मंगलवार रात भोपाल की सड़कों का निरीक्षण किया था, इसी के बाद आज सुबह उन्होंने नगर निगम और पीडब्लूडी डिपार्टमेंट की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। उन्होंने सड़कों की मरम्मत नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए इन्हें ठीक करने के लिए कहा। CM 15 दिन बाद इसकी समीक्षा बैठक करेंगे।
बरसात के बाद राजधानी की 70 प्रतिशत सड़कें उखड़ चुकी है। मुख्य सड़कों के साथ कालोनियों की सड़कों में भी बड़े- बड़े गड्ढे हो गए हैं। इनकी मरम्मत के लिए नगर निगम के कालसेंटर से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक शिकायत कर चुके हैं। इसके बावजूद जिम्मेदारों ने अब तक ना तो निर्माण कार्य शुरु किया और ना ही इनकी मरम्मत पर ध्यान दिया। जन-जन से जुड़ी इस समस्या का अब सीएम शिवराज सिंह चौहान ने संज्ञान लिया है। सीएम शिवराज ने मंगलवार रात भोपाल की सड़कों पर घूमकर औचक निरीक्षण किया। वह हमीदिया रोड, शहाजहांनाबाद इलाके में घूमे और सड़कों की स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद बुधवार सुबह उन्होंने अपने निवास कार्यालय पर भोपाल नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की वर्चुअल बैठक बुलाई। बैठक के दौरान उन्होंने सड़कों की दुर्गति पर नाराजगी जताते हुए इन्हें तत्काल दुरूस्त करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में लापरवाही नहीं चलेगी, खोदी गई सड़कों का रिस्टोरेशन नहीं करने वाले ठेकेदारों पर कार्रवाई करें। उन्होंने सड़क सुधार के लिए एक पखवाड़े का अल्टीमेटम दिया और कहा इसके बाद पुन: सड़कों का निरीक्षण किया जाए।
पत्नी के सामने खुली सड़कों की पोल
1 दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पत्नी साधना सिंह के साथ किसी निजी कार्यक्रम में जा रहे थे. वो जिस रास्ते पर गए वहां सड़कों की हालत देखकर नाराज हुए. इससे पहले न्यूज़18 ने भी बताया था कि सड़कों के परखच्चे उड़ गए हैं. नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के बीच समन्वय की कमी के कारण सड़कों को नहीं सुधारा जा रहा है. जनप्रतिनिधि और अफसर एक-दूसरे को पत्र लिखकर खराब सड़कों के लिए जिम्मेदारी की याद दिला रहे हैं. लेकिन सड़कों की हालत नहीं सुधर रही है. इस खबर के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद सड़कों का जायजा लिया और उसके बाद बुधवार की सुबह बैठक बुलाकर अफसरों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए. मुख्यमंत्री की बैठक में पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर और नगर निगम कमिश्नर से लेकर दूसरे अफसर शामिल हुए.
एक दूसरे को चिट्ठी लिखने में व्यस्त अफसर
पूरे प्रदेश सहित राजधानी भोपाल में ही हर इलाके में सड़कें गढ्ढों से भरी हुई हैं. भोपाल में नगर निगम की 288, पीडब्ल्यूडी की 25 बीडीए की 10 और अन्य 15 सड़कें खराब हैं. नगर निगम की 288 सड़कें ऐसी हैं जिन पर पैदल चलना भी मुश्किल है. सड़कों की ऐसी हालत देखकर भोपाल मेयर मालती राय ने पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर को पत्र लिखा था. इसके जवाब में पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर ने भोपाल नगर निगम कमिश्नर को पत्र लिख दिया. उसके बाद भी सड़कों की मरम्मत शुरू नहीं हुई. अब उम्मीद है कि मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद सड़कों की कोई सुध ले.