445 करोड़ सड़कों पर खर्च फिर भी शहर में गड्ढे
भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंगलवार रात के दौरे से सड़कों के साथ-साथ इंजीनियर और ठेकेदारों की सांठ-गाठ की पोल खुल गई। मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद शहरवासियों को उम्मीद है कि सड़कों की स्थिति सुधरेगी लेकिन यह सवाल भी उठ रहा है कि 5 साल में 445 करोड़ खर्च करने वाले इंजीनियर्स पर भी क्या कार्रवाई होगी। क्योंकि हर बारिश में सड़कें खराब होती हैं सुधार के लिए फिर बजट मिलता है जो इंजीनियर और ठेकेदारों के लिए उत्सव जैसा होता है।
मुख्यमंत्री के रात के दौरे बाद नगर निगम और पीडब्ल्यूडी में हलचल बढ़ गई। महापौर मालती राय ने सुबह आइएसबीटी में कमिश्नर केवीएस चौधरी और विभाग से जुडेÞ अधिकारियों और इंजीनियर्स से बातचीत की। गौरतलब है कि सीएम के दौरे में सड़कों और सीवेज व्यवस्था की पोल खुल गई। नगर निगम ने इन पर करोड़ों रुपए खर्च किए हैं लेकिन स्थिति नहीं सुधर रही है। बड़ा सवाल सिटी इंजीनियर पीके जैन को लेकर भी उठ रहा है। इनकी कार्यप्रणाली लगातार विवादों में रही फिर भी यह जमे हुए हैं।
जर्जर सड़कों पर भारी-भरकम रकम हो रही खर्च
नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, बीडीए समेत विभिन्न सरकारी एजेंसियों ने बीते 5 साल में पैचवर्क और डामर पर 445 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी हैं। नगर निगम ने पिछले साल खराब हुई सड़कों की मरम्मत और निर्माण पर 70 करोड़ रुपए खर्च किये थे। इतनी मोटी रकम खर्च करने के बावजूद सड़कों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। बल्कि इस सीजन में हुई बारिश के सड़कें उसी कंडीशन में वापस आ गई। सड़कों के गड्ढे जस के तस बने हुए हैं। नगर निगम के आधीन 3879 किलोमीटर आती है। सीवेज और कोलार प्रोजेक्ट के कारण शहर की सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) इस साल सड़कों की सूरत सुधाने के लिए 27 करोड़ रुपए खर्च करेगी। नगर निगम ने सड़कों की दुर्दशा को सुधारने के लिए इस साल 44 करोड़ रुपए की प्लानिंग की है। इसके लिए नगर निगम ने 165 सड़कों की मरम्मत कराएगा।