80 हजार शिक्षकों को समयमान वेतनमान का इंतजार
भोपाल
स्कूल शिक्षा, सामान्य प्रशासन एवं वित्त विभाग में सवा तीन साल से चल रहा मंथन भी 80 हजार से अधिक शिक्षकों को समयमान वेतनमान नहीं दिला पाया है। पहले क्र मोन्नित को लेकर पौने तीन साल मंथन चलता रहा। नोटशीट बार-बार एक से दूसरे विभाग में घूमती रही। अप्रैल 2022 में विभागों के अधिकारियों को समझ आया कि शिक्षकों को क्र मोन्नित नहीं, समयमान वेतनमान दिया जाना है। मई 2022 में नए सिरे से समयमान वेतनमान की नोटशीट तैयार हुई, जो वित्त विभाग में अनुशंसा के लिए भेजी गई और वहीं पडी है। वित्त विभाग की अनुशंसा के बाद यह प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा जाएगा। मध्य प्रदेश में दो लाख 87 हजार शिक्षक (अध्यापक से शिक्षक बने) हैं। वर्ष 2006 में नियुक्त शिक्षक वर्ष 2018 में 12 साल की सेवा पूरी कर चुके हैं। इसी के साथ वे क्र मोन्नित या समयमान वेतनमान के लिए पात्र हो गए और क्र मोन्नित की मांग भी शुरू हो गई पर सरकार निर्णय ही नहीं ले पा रही है। जबकि कर्मचारियों को लेकर निर्णय लेने वाले सामान्य प्रशासन और स्कूल शिक्षा विभाग के मुखिया इंदरिसंह परमार ही हैं।
भरोसा करें भी तो किस पर
शिक्षकों में नाराजगी है। वे हर आंदोलन में क्रमोन्नित या समयमान वेतनमान देने की मांग प्रमुखता से रखते हैं। शिक्षक भरोसा करें भी तो किस पर, विभाग के मंत्री उन्हें जल्द ही क्र मोन्नित देने के वादे तीन बार कर चुके हैं। फिर भी निर्णय नहीं हुआ, जो बताता है कि बात मंत्री के हाथ में नहीं है।
2006 से प्रावधान
पौने तीन साल में करीब चार बार क्रमोन्नति की नोटशीट सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों के हाथों से गुजरी, पर मई में विभाग के एक अधिकारी ने पकड़ा कि प्रस्ताव ही गलत है। दरअसल, प्रदेश में वर्ष 2006 से समयमान वेतनमान दिए जाने का प्रावधान है और अधिकारी क्रमोन्नति का प्रस्ताव दे रहे हैं। तब प्रस्ताव बदलने को कहा गया।