स्कूलों में अब बच्चों को आपदाओं से सुरक्षित रहने के गुर सिखाए जाएंगे
भोपाल
मध्यप्रदेश के स्कूलों में अब बच्चों को प्राकृतिक और मानवीकृत जाने एवं अनजाने खतरों और आपदाओं से सुरक्षित रहने के गुर सिखाए जाएंगे।
शाला में विद्यार्थी अपने घर की अपेक्षा अधिक महत्वपूर्ण समय बिताते है। बच्चों के लिए घर, शाला का वातावरण शांत और संरक्षित रखना जरुरी है। इसके लिए अब शाला स्तर पर ही विद्यार्थियों को आपदा प्रबंधन में ट्रेंड किया जाएगा। इसके लिए शालाओं में आपदा प्रबंधन समिति गठित की जाएगी। इस समिति का पूर्ण उत्तरदायित्व विद्यालय परिवार को आपदाओं से सुरक्षित करना होगा। इसलिए समिति गाइडलाइन के साथ साथ खतरों से सुरक्षा कैसे की जाए इसका प्लान तैयार करेगी और लगातार मॉकड्रिल कर प्रेक्टिस भी करवाएगी।
प्राचार्य इस समिति के प्रमुख होंगे। समिति में आर्ट, साइंस और गणित के टीचर, शाला कप्तान, विद्यार्थी, पालक शिक्षक संघ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, स्थानीय पुलिस,आशा कार्यकर्ता, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट एवं गाइड के वालेटियर, नगरीय निकायों से चुने हुए सदस्य , महिला मध्यान भोजन समूह के सदस्य, स्थानीय प्रतिष्ठित नागरिक औश्र सेवानिवृत्त शिक्षक को शामिल किया जाएगा। जिला स्तर पर शाला आपदा प्रबंधन हेतु प्रत्येक शाला में कम से कम दो सदस्यों प्राचार्य और एक अशासकीय सदस्य का एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। पूर्व में प्रशिक्षित सदस्य को भी रिसोर्स पर्सन के प्रशिक्षक के रुप में शामिल किया जाएगा।
स्कूलों में बनेगी समिति
बच्चों और शिक्षकों की समिति स्कूल में बनाई जाएगी जो आपदाओं और खतरों के प्रभावकारी कारकों को चिन्हित करेगी। घातक केमिकल, जंग लगी, सड़ रही सामग्री, घातक स्थान, लीकेज, सीपेज और विद्युत सप्लाई व्यवस्था की सूची बनाई जाएगी। इंजीनियर की मदद से भवन के कमजोर हिस्से की मरम्मत के प्रस्ताव तैयार कर फंड की व्यवस्था कराई जाएगी। प्राथमिक चिकित्सा के जानकार, फायर फाइटर,एएनएम के साथ ही रक्षात्मक कार्यो में माहिर की सूची डिस्प्ले पर अंकित की जाएगी। पुलिस, अस्पताल, डॉक्टर, थाने, अग्निशमन यंत्र, परिवनहन की सुविधाओं को भी सूचीबद्ध किया जाएगा।