September 23, 2024

पाक का FATF की ग्रे लिस्ट से बहार होना ,आतंकी हमलो में बढ़ोत्तरी के असार -भारत

0

नई दिल्ली

पाकिस्तान के 2018 में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में शामिल होने से भारत में आतंकी घटनाओं में कमी आई है। भारतीय खुफिया अधिकारियों ने यूएन काउंटर-टेररिज्म कमेटी (CTC) को  यह जानकारी दी। अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में होने से भारत में 'हार्ड टारगेट' कम हुए हैं और पाकिस्तानी सरजमीं पर आतंकवादी ठिकानों में 75% की गिरावट आई है।

अधिकारियों ने 2008 में हुए मुंबई हमले में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की भूमिका को भी एक्पोज किया। सीटीसी में लश्कर के टॉप ऑपरेटिव साजिद मीर की ऑडियो क्लिप चलाई गई। इसमें उसे एक यहूदी आउटरीच सेंटर चबाड हाउस में हमलावरों को निर्देश देते हुए सुना जा सकता है, जहां कई इजरायली नागरिक मारे गए थे।

'पाकिस्तान का ग्रे लिस्ट में आना रहा कारगर'
खुफिया ब्यूरो के सीनियर अधिकारी सफी रिजवी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, 'एफएटीएफ की ग्रे-लिस्टिंग में आना और संयुक्त राष्ट्र से 2001 में जैश-ए-मोहम्मद व 2005 में लश्कर-ए-तैयबा की पहचान होना कारगर रहा है। साथ ही भारत पर फोकस रखने वाले 9 आतंकियों पर भी ऐक्शन हुआ। इन कदमों से कश्मीर में हार्ड टारगेट्स पर हमलों में कमी आई है। साथ ही 2018 से 2021 के बीच सीमा पार आतंकी घटनाओं, टेरर फंडिंग से जुड़े मामलों और आतंकी गतिविधियों में गिरावट आई है।'

'आतंकी ठिकानों में 50% की हुई वृद्धि'
रिजवी ने चिंता जाहिर की कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाने से पहले ही भारत में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, 'जिस समय बातचीत शुरू हुई कि ग्रे लिस्टिंग (पाकिस्तान की) समाप्त होने वाली है, चीजें वापस खिसकने लगीं। आतंकी ठिकानों में 50% की वृद्धि हुई है। अब हार्ड टारगेट्स पर और भी हमले हो सकते हैं। साथ में और भी कई परेशानियां खड़ी हो सकती हैं।'

'अभी भी कई आतंकियों को नहीं मिली सजा'
वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बैठक में कहा कि लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद समेत मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य षड्यंत्रकारियों को अब भी संरक्षण प्राप्त है और उन्हें दंडित नहीं किया गया है। वह स्पष्ट रूप से लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद जैसे आतंकवादियों का जिक्र कर रहे थे, जिन्हें मुंबई हमलों में उनकी भूमिका के लिए दंडित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, 'एक आतंकवादी (अजमल कसाब) को जीवित पकड़ लिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने उसे सजा सुनाई, जबकि 26/11 हमलों के मुख्य षडयंत्रकारियों को अब भी संरक्षण प्राप्त है और उन्हें सजा नहीं मिली है।'

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *