November 23, 2024

खुलासा:मंदिर को विस्फोट से उड़ाना चाहता था आत्मघाती हमलावर

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कोयंबटूर

कोयंबटूर में एक मंदिर के सामने एक कार में हुए विस्फोट में मारे गए 29 वर्षीय इंजीनियर ग्रैजुएट संभवत: एक आत्मघाती हमलावर था। जांच एजेंसी ने इसका खुलासा किया है। उनका कहना है कि बम संभालने में अनुभवहीनता के कारण कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। आपको बता दें कि इस मामले की जांच एनआईए कर रही है।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने पुलिस को बताया कि दीवाली की पूर्व संध्या पर सुबह 4 बजे कोट्टैमेडु में संगमेश्वर मंदिर के सामने कार रुकी। मुबीन आग की लपटों में घिरी गाड़ी से कुछ फुट दूर जमीन पर गिरने से पहले बाहर निकला। उसका शरीर जल चुका था। जांचकर्ताओं ने कहा कि अगर कार में दो एलपीजी सिलेंडरों में से एक के कारण विस्फोट हुआ होता तो मंदिर की ओर जाने वाली सड़क के किनारे घरें भी प्रभावित हो सकती थीं।

एनआईए के सूत्रों के मुताबिक, आईएस की कट्टरपंथी विचारधारा ने मुबीन को कट्टरपंथी बना दिया था, लेकिन उसे आतंकवादी का ठीक ढंग से प्रशिक्षण नहीं मिला था। उसने विस्फोटकों को संभालने के बारे में जानकारी इंटरनेट से इकट्ठा किया था।

इस मामले में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सभी आईएस से सहानुभूति रखते हैं। इन सभी पूछताछ के आधार पर जांच एजेंसी ने कहा कि मुबीन ने सोचा कि उसका आत्मघाती बम विस्फोट 50 से 100 मीटर के दायरे में मंदिर और उसके आसपास के भवनों को नुकसान पहुंचाएगा। हालांकि ऐसा नहीं हुआ।

शनिवार की देर शाम मुबीन और उसके दो कथित सहयोगियों (मोहम्मद अज़रूद्दीन और के अफसर खान) ने दो एलपीजी सिलेंडरों के साथ कार में पोटेशियम नाइट्रेट, एल्यूमीनियम पाउडर, सल्फर, चारकोल, कील और बॉल बेयरिंग से भरे स्टील के तीन ड्रम रखे। एक अधिकारी ने कहा कि सीसीटीवी कैमरों ने इस कृत्य को कैद कर लिया।

अन्य कैमरों के फुटेज में विस्फोट से पहले मुबीन और उसके कथित सहयोगियों की गतिविधियों को कथित तौर पर दिखाया गया है। अधिकारी ने बताया कि तीनों ने बिग बाजार स्ट्रीट पर स्थित कोनियाम्मन मंदिर और पुलियाकुलम मुंडी विनयगर मंदिर की रेकी की थी।

मुबीन और गिरफ्तार किए गए दोनों ने गांधी पार्क में एक एलपीजी बुकिंग केंद्र का भी दौरा किया। उन्होंने वहां से दो सिलेंडरों की खरीद की। बुकिंग केंद्र ने उनकी खरीद के खिलाफ चालान जारी किया। इसके बाद तीनों ने लॉरीपेट के पुराने बाजार क्षेत्र का दौरा किया, जहां उन्होंने तीन स्टील ड्रम खरीदे। एनआईए के पूर्व अधिकारी शिवकुमार ने उन सूचनाओं के टुकड़ों को एक साथ जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे जांचकर्ताओं को आतंकी साजिश का पता चला। 

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