September 22, 2024

टीडीएस के प्रावधानों में किया जाए संशोधन व आयकर छूट की सीमा ढाई लाख की बजाए 5 लाख किया जाए – हरख

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रायपुर
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 1 फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट से पूर्व राज्यों, उद्योगपतियों से लेकर वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सभी सेक्टरों के लोगों से सुझाव मांगा है। इसी परिप्रेक्ष्य में रायपुर सराफा एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष हरख मालू ने अपना सुझाव देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्रालय को लिखा है कि टीडीएस के प्रावधानों में संशोधन करते हुए उसकी सरलीकरण किया जाए, आयकर की छूट की सीमा जो पहले ढाई लाख रुपये है उसे बढ़ाकर 5 लाख किया जाए, इसके अलावा जीएसटी की सीमा 40 लाख रुपये थी उसे बढ़ाकर 50 लाख रुपये किया जाना चाहिए।

श्री मालू ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय को पत्र के माध्यम से सुझाव देते हुए लिखा है कि पहले जहां आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये है उसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाना चाहिए तथा 5 लाख लाख रुपये से 7.5 लाख तक आयकर में 5 प्रतिशत, 7.50 लाख से 10 लाख तक 10 प्रतिशत, 10 लाख से 12.5 लाख तक 15 प्रतिशत, 15 से 20 लाख तक 20 प्रतिशत, 25 लाख से ऊपर पर 30 प्रतिशत आयकर की सीमा निर्धारित किया जाना चाहिए। इससे आयकर दाताओं की संख्या तो बढ़ेगी ही साथ ही केंद्र सरकार की आय में भी बढ़ोत्तरी होगी।

श्री मालू ने इसी प्रकार टीडीएस के प्रावधानों में संशोधन करने की मांग करते हुए पत्र में लिखा है कि टीडीएस के प्रावधानों में संशोधन करते हुए इसका सरलीकरण किया जाना चाहिए जिससे देश भर के व्यापारियों के साथ छत्तीसगढ़ व राजधानी रायपुर के भी व्यापारियों को सरलीकरण की इस सुविधा का लाभ मिल सकें। मालू ने पत्र में आगे लिखा कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 2 तरह के होते है, शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म। इस दौरान प्रापर्टी खरीद करने के 2 साल के अंदर प्रॉपर्टी बेचने पर प्राप्त होने वाली रकम शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के अंतर्गत आती है, वहीं अगर प्रॉपर्टी अधिग्रहण के 2 साल बाद बेची जाए तो उसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कहते हैं। इस दौरान संपत्ति विक्रय करने से प्राप्त राशि में से 5 लाख रुपये तक की आय पर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लिया जाना चाहिए, जिससे संपत्ति खरीदने वाले नागरिकों को फायदा मिलेगा और केंद्र सरकार को स्टाम्प ड्यूटी के रुप में राशि भी प्राप्त होगी।

श्री मालू ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय से केंद्रीय बजट में जीएसटी की सीमा अभी 40 लाख रुपये है उसे बढ़ाकर 50 लाख रुपये किया जाना चाहिए। इसके अलावा किराये की आय को 50 लाख रुपये तक जीएसटी से मुक्त रखा जाए।

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