पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से बढ़ेगी ठंड, छाएगा कोहरा
भोपाल
वर्तमान में कोई वेदर सिस्टम एक्टिव नहीं है, जो मध्य प्रदेश के मौसम को प्रभावित करें, हालांकि मध्य प्रदेश में बने प्रति चक्रवात के असर से हवाओं का रुख बार–बार बदल रहा है। नवंबर में 2 पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होंगे, जिसके कारण नवंबर के पहले सप्ताह में पूरे प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। नवंबर माह के दूसरे सप्ताह से हिमालय क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ की गतिविधियां बढ़ने के पश्चात बर्फबारी होगी। इसके आसार से तापमान में गिरावट तेजी से दिखाई देगी।
एमपी मौसम विभाग (MP Weather Update) के मुताबिक, 2 पश्चिमी विक्षोभों के दस्तक देते ही नवंबर से प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। 6-7 नवंबर से तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की जाएगी ।आगामी 4 महीनों में पहाड़ी राज्यों से मध्य भारत तक के राज्यों में कड़ाके की सर्दी पड़ने के संकेत है। वर्तमान में उत्तर, पश्चिम से लेकर मध्य भारत तक शुष्क पश्चिमोत्तर हवाएं चल रही हैं, जो उत्तर के पहाड़ों पर बर्फबारी के बाद बर्फीले इलाकों से गुजरती हुई मध्य भारत तक ठंडक लेकर आएंगी।
एमपी मौसम विभाग (MP Weather Forecast) के मुताबिक, 31 अक्टूबर को एक पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत की तरफ बढ़ने की संभावना है, इसके प्रभाव से उत्तर भारत के पहाड़ों पर बर्फबारी होगी। पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने के साथ ही हवा का रुख उत्तरी होने से नवंबर माह की शुरूआत में प्रदेश में जमकर ठंड का असर देखने को मिलेगा। वर्तमान में बंगाल की खाड़ी या अरब सागर में काेई मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। उत्तर भारत के आसपास काेई पश्चिमी विक्षाेभ भी नहीं है। इस वजह से मध्य प्रदेश का मौसम शुष्क बना हुआ है।
वर्तमान में बंगाल की खाड़ी अथवा अरब सागर में मौसम को प्रभावित करने वाली कोई विशेष मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। उत्तर भारत के आसपास फिलहाल कोई पश्चिमी विक्षोभ भी मौजूद नहीं है, जिसके कारण मौसम शुष्क बना हुआ है।आने वाले दिनों में 2 विक्षोभ सक्रिय होंगे। पहला पश्चिमी विक्षोभ 31 अक्टूबर को कश्मीर होने से 1 नवंबर को हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड तक हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है। दूसरा पश्चिमी विक्षोभ 3 नवंबर को दस्तक देगा, जिसके कारण 5 नवंबर तक कश्मीर से हिमाचल और उत्तराखंड तक भारी बर्फबारी हो सकती है।