मेरठ में अवैध धर्मांतरण के आरोप में आठ गिरफ्तार
मेरठ.
पश्चिम उत्तर प्रदेश में जबरन धर्मांतरण का खेल चल रहा है. मेरठ के मंगतपुर इलाके में गरीब और मजबूत लोगों को ईसाई धर्म में कन्वर्ट होने के लिए मजबूर किया जा रहा है. यह खेल अभी से नहीं बल्कि कोरोना काल से चल रहा है. गरीब और मजबूर लोगों को रुपये और खाने का लालच देकर कन्वर्ट कराया गया. जिसके बाद अब लोगों ने इसका विरोध कर दिया है. लोगों की शिकायत पर पुलिस ने इस मामले में 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. इस मामले में अब तक कुल 8 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है.
मेरठ के मंगलपुर इलाके में गरीब लोग शहर की गलियों में कूड़ा बिन कर अपना गुजर-बसर करते हैं. लॉकडाउन के दौरान जब सब कुछ बंद हो गया, तो ऐसे में इन लोगों के खाने के भी लाले पड़ गए थे. बेहद मजबूर और गरीब लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर दिल्ली के कुछ लोगों ने उन्हें सुविधाएं मुहैया कराई. खाना दिया और रुपयों का लालच भी दिया. मंगतपुरम इलाके में एक हजार से ज्यादा लोग रहते हैं, जहां अभी भी 100 से ज्यादा लोग ऐसे लोगों के प्रभाव में है. मीडिया में जब उनसे बातचीत करने की कोशिश की तो उन्होंने दूरी बना ली. लेकिन अधिकतर लोगों ने इस जबरन धर्मांतरण का विरोध कर दिया और एसएसपी कार्यालय पर प्रदर्शन भी किया. पुलिस ने जब इस इलाके को खंगाला तो एक अस्थाई चर्च मिला जहां पर प्रार्थना सभा होती थी. कुछ वीडियो भी उस समय के मिले हैं, जब प्रार्थना सभा यहां पर हो रही थी. एक रजिस्टर भी मिला है, जिसमें ऐसे लोगों की सूची तैयार की गई है जो कन्वर्जन के लिए राजी थे.
हिंदू संगठनों ने मुद्दा उठाया
इस मामले को कुछ हिंदू संगठनों ने भी हवा दे दी है, जिसके बाद अब यह मामला लाइमलाइट में आ चुका है. हिंदू संगठन के लोग इस जबरन धर्मांतरण का विरोध कर रहे हैं. इन लोगों की मानें तो अनिल पास्कल और उसकी विदेशी पत्नी इस धर्मांतरण के पीछे हैं, जिन्हें ब्रह्मपुरी थाने में दर्ज FIR में आरोपी नहीं बनाया गया है. साथ ही इन्हीं के बीच के कुछ लोग जो रुपयों के लालच में जबरन धर्मांतरण करा रहे हैं. उन पर भी पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. एसएसपी रोहित सजवान की मानें तो अब तक 6 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. वहीं 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके अलावा और भी जो नाम प्रकाश में आएंगे उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा.