मोरबी हादसे पर भावुक हुए PM-‘मैंने बहुत कम ऐसी पीड़ा अनुभव की होगी’
केवड़िया
सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके यानी एकता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के केवड़िया पहुंचे हैं। सोमवार को उन्होंने 'लौह पुरुष' को पुष्पांजलि दी। साथ ही वह संबोधन के दौरान मोरबी पुल हादसे को लेकर भावुक हो गए। उन्होंने घटना पर दुख जाहिर किया औरर जारी बचाव कार्य और सरकार के प्रयासों की भी जानकारी दी।
पीएम ने कहा, 'मैं एकता नगर में हूं, मेरा मन मोरबी के पीड़ितों से जुड़ा है। शायद ही जीवन में मैंने बहुत कम ऐसी पीड़ा अनुभव की होगी। एक तरफ करूणा से भरा पीड़ित दिल है तो दूसरी ओर कर्त्तव्य पथ है। जिन लोगों को अपना जीवन गंवाना पड़ा हैं, मैं उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।'
मोरबी घटना
मोरबी में रविवार शाम करीब 7 बजे 'झूलतो पुल' के नाम से मशहूर सस्पेंशन ब्रिज ढह गया था। खबरें हैं कि हादसे के वक्त पुल पर करीब 500 लोग शामिल थे। अब तक 177 लोगों को बचा लिया गया है। गुजरात के गृहमंत्री हर्ष संघवी ने जानकारी दी है कि पुल हादसे में 132 लोगों की मौत हो चुकी है।
पीएम ने बताया कि राहत कार्य में कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा, 'सरकार हर तरह से पीड़ित परिवारों के साथ है। गुजरात सरकार कल शाम से ही राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है। केंद्र सरकार से गुजरात सरकार को हर संभव मदद दी जा रही है। NDRF और सेना तैनात है।' संघवी ने भी बताया था, 'नेवी,NDRF, वायुसेना और सेना तेजी से पहुंच गई, पूरी रात (खोज और बचाव कार्यों के लिए) 200 से अधिक लोगों ने काम किया है।'
राहत कार्य में चुनौतियां
भारतीय सेना के मेजर गौरव ने बताया, 'बचाव कार्य जारी है। रात करीब तीन बजे भारतीय सेना यहां पहुंच गई थी। हम शवों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं। एनडीआरएफ की टीमें भी बचाव अभियान चला रही हैं।' इधर, बचाव में जुटे सैनिकों को भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। NDRF कमांडेंट वीवीएन प्रसन्ना कुमार पानी गंदा होने की वजह से जब पानी के अंदर सर्च करते हैं तो विजिबिलिटी की दिक्कत होती है। झूले के गिरने के कारण वहां कुछ लोगों के दबे होने की आशंका है, उसके मलबे को निकालकर वहां भी सर्च करेंगे।
सरदार पटेल को किया याद
पीएम सोमवार को भारत के लौह पुरुष के नेतृत्व को भी याद किया। उन्होंने कहा, 'अगर भारत के पास सरदार पटेल जैसा नेतृत्व न होता तो क्या होता? अगर 550 से ज्यादा रियासतें एकजुट न हुई होती तो क्या होता? हमारे ज्यादातर राजा रजवाड़े त्याग की पराकाष्ठा न दिखाते, तो आज हम जैसा भारत देख रहे हैं हम उसकी कल्पना न कर पाते। ये कार्य सरदार पटेल ने ही सिद्ध किया है।'