November 22, 2024

खरगोन टैंकर हादसे में मृतकों की संख्या हुई 10,8 का इलाज भी अभी जारी

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खरगोन
 मध्य प्रदेश में खरगोन (Khargone) जिले के अंजनगांव में दिवाली के बाद बड़ी धूम धाम से गोवर्धन पूजा की तैयारियां चल रही थी कि तभी सुबह एक ऐसा हादसा ,हुआ जिसके बारे में कभी किसी ग्रामीण ने सोचा भी नहीं होगा. गोवर्धन पूजा की खुशियां कब मातम में बदल गईं ग्रामीणों को समझ में ही नहीं आया. यहां एक ऐसी दुर्घटना हो गई जिससे पूरे गांव की तस्वीर बदल सी गई है.

टैंकर में हुआ ब्लास्ट
दरअसल, बीते बुधवार, 26 अक्टूबर की सुबह को खरगोन जिले के अंजन गांव में अचानक गांव वालों पर पेट्रोल से भरा टैंकर कहर बनकर बरसा. पेट्रोल और डीजल से भरा टैंकर पलट जाने से गांव के लोग उसे देखने के लिए बाहर जमा हुए थे. तभी अचानक आग लगने से टैंकर में ब्लास्ट हो गया, जिसकी वजह से 17 वर्षीय बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं, लगभग 25 ग्रामीण बुरी तरह से आग में झुलस गए. इनमें 17 ग्रामीणों की हालत गंभीर होने के चलते इंदौर के महाराजा यशवंत राव हॉस्पिटल में उपचार के लिए भर्ती करवाया गया.
 
घायलों में 9 लोगों की मौत
घायलों के परिजन गुरमल सिंह ने बताया कि घायलों में से अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके बाद मौत की संख्या 10 हो गई. वहीं, 8 लोगों का इलाज भी अभी जारी है. इनमें से 5 की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है जिन्हें आईसीयू में रखा गया है. वहीं, मृतकों का पोस्टमार्टम करने के बाद ग्रामीणों के पार्थिव शरीर को एंबुलेंस की सहायता से गृह ग्राम भेजा गया है, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

गुरमल सिंह ने बताया कि, हमारे पूरे गांव में दिवाली के बाद से एक विरानी छाई हुई है और हर कोई मातम बना रहा है. परिवार का घर चलाने वाला मुखिया ही इस दुनिया से चल बसा हो उसके परिवार वालों पर दिवाली कहर बनकर आई है. मरने वालों में अधिकतर लोग ऐसे थे जिनके सर पर पूरे घर को चलाने का जिम्मा था. सभी ग्रामीणों की आंखों में आसूं हैं. फिलहाल आस पास की पंचायतों द्वारा मिलकर अंतिम संस्कार का इंतजाम किया जा रहा है लेकिन आगे पता नहीं उन परिवार का क्या होगा. प्रशासन और सरकार से ही उम्मीद है कि वे परिवार के लिए कुछ करे ताकि उन्हें जीने का सहारा मिले.

वहीं अब तक इंदौर के एम. वाय. हॉस्पिटल में इलाज के दौरान घायलों में से मरने वालो के नाम इस प्रकार है. नत्थू नानसिंग उम्र 40 वर्ष, अनिल नत्थू उम्र 25 वर्ष (पिता-पुत्र), हीरालाल सरदार उम्र 25 वर्ष, मालू बाई उम्र 35 वर्ष, कन्हैया तेरसिंग उम्र 36 वर्ष, राहुल कन्हैया उम्र 13 वर्ष, रमेश सौभाराम उम्र 36 वर्ष, मुन्ना भावसींग उम्र 21 वर्ष, मीरा बादल उम्र 22 वर्ष शामिल है. घटना के समय मौके पर ही राघु (गुड्डी) गौरेलाल उम्र 17 वर्ष की मौत हो गई. इस प्रकार अब तक 10 जीवन काल के गाल में समा चुके हैं.

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