November 24, 2024

2 करोड़ की ठगी मामले में तीन उद्योगपतियों के खिलाफ केस दर्ज

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दुर्ग/भिलाई
पौने दो करोड़ रुपए की ठगी की रिपोर्ट पर मोहन नगर पुलिस द्वारा पटना बिहार के तीन उद्योगपतियों के खिलाफ ठगी का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है। स्क्रैप विक्रेता कंपनी आर्बिट इलेक्ट्रोमेट इंडिया प्रायवेट लिमिटेड भिलाई दुर्ग के संचालकों के साथ पटना बिहार के उद्योगपतियों ने करीब पौने दो करोड़ रुपए की ठगी की है।

मोहन नगर पुलिस ने बताया कि आकाश दायगुढे आर्य नगर दुर्ग मे रहता है तथा आर्बिट इलेक्ट्रोमेट इंडिया प्रायवेट लिमिटेड कंपनी भिलाई दुर्ग में सुपरवाईजर के पद पर कार्यरत है। कंपनी के डायरेक्टर सुनील राजदयाल राय एवं सत्य देवराय ने कंपनी की देखरेख हेतु आकाश दायगुढे को अधिकृत कर रखा है।

आर्बिट इलेक्ट्रोमेट इंडिया प्रायवेट लिमिटेड कंपनी के द्वारा भिलाई इस्पात संयंत्र एवं अन्य निजी कंपनियों से स्क्रैप खरीद कर अन्य कंपनियों को विक्रय किया जाता है। कंपनी का एक ऑफिस आर्य नगर दुर्ग एवं छावनी भिलाई में स्थित है।

पुलिस को शिकायत में बताया कि राजीव रंजन उपाध्याय, निवासी हाउस-15, कीदंवईपुरी थाना गुछा, प्रवीण प्रकाश नई दिल्ली, बलराम कुमार बेगुनी बिहार एवं प्रवीण प्रकाश की कंपनी निर्माणम एवं आरआरपी सल्युसन से 18 अक्टूबर 2019 को व्यापार हेतु कुल 16 करोड़ रुपये एवं 18 प्रतिशत जीएसटी का सौदा तय हुआ था, जिसमें से प्रार्थी कंपनी के द्वारा 20 अक्टूबर 2019 से लेकर 2 फरवरी 2020 तक कुल 3 करोड़ 28 लाख 47 हजार 826 रुपये का माल भेजा जा चुका है।

अनावेदक कंपनी से 1 करोड़ 74 लाख 74 हजार 175 रुपये प्राप्त कर लिया गया मगर बाकी रकम आज तक शेष है। कंपनी को कई बार पत्राचार एवं फोन के माध्यम से संपर्क किया गया लेकिन बलराम, राजीव रंजन उपाध्याय एवं प्रवीण प्रकाश की कंपनी निर्माणम एवं आरआरपी सल्युसन द्वारा शेष रकम का भुगतान आज तक नहीं किया।

पुलिस ने बताया कि प्रार्थी द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर जानकारी प्राप्त करने पर पता लगा कि बलराम की कंपनी निर्माणम फर्जी है। तीनों ही आरोपियों के द्वारा सुनियोजित ढंग से आर्बिट इलेक्ट्रोमेट इंडिया प्रायवेट लिमिटेड कंपनी भिलाई दुर्ग के साथ ठगी की गई है।

जिसके संबंध मे प्रार्थी के द्वारा 1 नवंबर को शिकायत दी गई थी जांच बाद आज मोहन नगर पुलिस के द्वारा बलराम, राजीव रंजन उपाध्याय एवं प्रवीण प्रकाश के द्वारा धोखाधडी़ स्वरूप धारा 420, 409, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।

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