सराहनीय पहल :गौवंश के लिए देश का पहला गौ आईसीयू हरदा में शुरू
हरदा.
देश प्रदेश में गौ वंश पर राजनीति के बीच हरदा जिले ने एक सराहनीय पहल की है. यहां गायों के लिए आईसीयू वॉर्ड बनाया गया है. ये संभवत: देश का पहला गौ आईसीयू है. इसमें गंभीर हालत में बीमार गायों को इलाज किया जाएगा. इस आईसीयू में गायों के बेहतरीन इलाज के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं.
हरदा जिले में गोपाष्टमी के मौके पर गौवंश के लिए नई पहल की गयी है. जिले में गोशाला में गायों (गौ वंश ) के लिए आईएसीयू वार्ड बनाया गया है. इसे गौ चिकित्सा आईसीयू कक्ष नाम दिया गया है.सम्भवतः ये देश का पहला गौ आईसीयू है. इसमें गंभीर स्थिति में लाये गए गौवंश का इलाज किया जायेगा. गायों के लिए बने अनोखे आईसीयू में दवाओं सहित जरूरत की सभी चीजें जुटाई गयी हैं. गौ आईसीयू में एसी लगाया गया है और ठंड से बचाव के लिए हीटर भी है. हरदा में मौजूद में कृषि मंत्री कमल पटेल ने गौशाला में गौमाता का पूजन कर आईसीयू कक्ष का लोकार्पण किया.
गायों का आईसीयू
अभी तक आपने अस्पतालों में इंसानो के इलाज के लिए बने आईसीयू वार्ड देखे होंगे. लेकिन हरदा जिले में गौ वंश संरक्षण और उनके बचाव के लिए दयोदय गौशाला में गौ वंश के लिए आईसीयू कक्ष बनाया गया है. पूरी तरह आधुनिक सुविधाओं से लेस आईसीयू में गौ वंश के लिए जरूरी जीवन रक्षक दवाएं रखी गयी हैं. साथ ही वैक्सीन सुरक्षित रखने के लिए फ्रिज भी है. गौ माता के बैठने के लिए नीचे रेत बिछाई गयी है. गौ शाला में मौजूद डॉक्टर दुर्घटना में घायल या गंभीर बीमारी से पीड़ित गाय का इलाज इस आईसीयू में कर सकेंगे. साढ़े सात लाख रूपये की लागत से आईसीयू कक्ष को बनाया गया है.
अपने आप में बेहतरीन आईसीयू
गौशाला से जुड़े सुयोग सोनी ने बताया कि आईसीयू में गौवंश का वैक्सिनेशन भी किया जा सकेगा. जिले की सभी गौशालाओ में इस तरह की सुविधाएं जुटायी जाएंगी. दयोदय गौशाला के अध्यक्ष अनूप जैन ने कहा गौशाला में गोबर से गौ काष्ठ बनायी जाती हैं. इस गौकाष्ठ का उपयोग अंत्येष्टि में भी करते हैं. साथ ही गौ मूत्र और गोबर से जैविक घोल बनाकर किसानों को दिया जा रहा है. जिससे गौ वंश संरक्षण और प्रकृति दोनों बचे.कृषि मंत्री कमल पटेल ने गौवंश संरक्षण के लिए जैविक खेती करने की बात कही. उन्होंने कहा मप्र सरकार ने प्राकृतिक खेती बोर्ड बनाया है और जैविक खेती में प्राकृतिक प्रदेश बनेगा.