मध्य प्रदेश: पुल से नर्मदा में गिरी बस, 13 की मौत; इंदौर से महाराष्ट्र जा रहे थे सभी
धार
मध्य प्रदेश के धार जिले में यात्रियों से भरी एक बस नदी में गिर गई है। हादसे में 13 यात्रियों की जान चली गई है। महाराष्ट्र से इंदौर आ रही बस जिले के खलघाट में अनियंत्रित होकर पुल से नदी में गिर गई। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि बस में करीब 13-14 लोग सवार थे और उनमें से कोई जीवित नहीं बचा। इससे पहले नरोत्तम मिश्रा ने बताया था कि बस हादसे में करीब 12 लोगों के निधन की खबर है और 15 लोगों को बचाया गया है। उन्होंने यह भी कहा था कि बस में 50-55 लोगों के सवार होने की सूचना है। इस स्थिति को स्पष्ट करते हुए उन्होंने बताया कि हादसे के फौरन बाद लोग नदी से भाग रहे थे, त्रुटिवश उन्हें बचा हुआ मान लिया गया था। ताजा जानकारी के अनुसार बस में 13 से 14 लोग सवार थे। उनमें से कोई जीवित नहीं बचा। उन्होंने बताया कि मृतकों में अब तक राजस्थान और महाराष्ट्र के कुछ लोगों की पहचान हुई है। शेष की पहचान की प्रक्रिया जारी है।
हादसा आगरा-मुंबई (एबी रोड) हाईवे पर हुआ। यह रोड इंदौर से महाराष्ट्र को जोड़ता है। घटनास्थल इंदौर से 80 किलोमीटर दूर है। जिस संजय सेतु पुल से बस गिरी, वो दो जिलो धार और खरगोन की सीमा पर बना है। आधा हिस्सा खलघाट (धार) और आधा हिस्सा खलटाका (खरगोन) में है। खरगोन से भी कलेक्टर और एसपी मौके पर पहुंचे। सुबह पौने दस बजे धामनोद में खलघाट के पास नर्मदा नदी में यात्रियों से भरी बस गिर पड़ी। बस इंदौर से पुणे जा रही थी। 13 शव निकाले जा चुके हैं, इनमें कुछ महिलाएं भी शामिल हैं। धामनोद के खलघाट में बस टू-लेन पुल की रेलिंग तोड़ते हुए नर्मदा में गिरी। यह पुल पुराना बताया जा रहा है। बस महाराष्ट्र राज्य परिवहन की है।
सीएम शिवराज ने घटना पर जताया दुख
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ''धार जिले के खलघाट में बस के नर्मदा नदी में गिरने से हुई दुर्घटना का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर से दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान और परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति देने तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। दुर्घटना स्थल पर जिला प्रशासन की टीम मौजूद है। बस को निकाल लिया गया है। खरगोन, धार जिला प्रशासन के साथ मैं निरंतर संपर्क में हूं। घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। दु:ख की इस घड़ी में पीड़ित परिवार स्वयं को अकेला न समझे, मैं व संपूर्ण प्रदेश साथ है।''