PDS में गड़बड़ी: जिन्हें सौंपी जांच वे ही कर रहे थे लीपापोती
भोपाल
गरीबों के राशन वितरण में अनियमितताओं के चलते भोपाल के सात अधिकारियों और जांच कार्य में अनियमितता करने वाले आठ अधिकारियों के निलंबन और चार अफसरों को चार्जशीट सौंपे जाने के बाद अब खाद्य विभाग ने इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में जांच के दौरान राशन वितरण में मिली अनियमितताओं में दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कार्यवाही करने की तैयारी कर ली है। अगले एक सप्ताह में यहां भी दोषी अफसरों पर कार्यवाही हो सकती है। इस पूरे अभियान के दौरान जिन अधिकारियों को जांच की जिम्मेदारी सौपी गई थी वे भी जांच में लीपापोती करते पाए गए। इसमें खाद्य संचालनालय के पांच अधिकारियों सहित राजगढ़ और विदिशा से बुलाए गए दो अफसरों को भी निलंबित किया गया है। खाद्य संचालनालय ने संचालनालय के अधिकारियों और बाहर के अधिकारियों को अभियान के दौरान जांच की जिम्मेदारी भोपाल में सौंपी थी। जांच प्रतिवेदन आने के बाद पाया गया कि जांचकर्ता अधिकारियों ने फौरी तौर पर जांच की और जांच में लापरवाही बरती। जांच प्रतिवेदन तैयार करने में भी लीपापोती की गई।
इस तरह हुई बचाने की कोशिश
संचालनालय में पदस्थ सहायक आपूर्ति अधिकारी अनिल तंतुवाय ने आठ पीडीएस दुकानों की जांच की और सहायक आपूर्ति अधिकारी राजेश खरे ने पांच दुकानों की जांच की जांच प्री प्रिंटेड प्रोफार्मा में कथन भरे। उपभोक्ताओं से पीओएस मशीन की पावती, मशीन से हकदारी की आवाज सुनाई देने संबंधी एवं मोबाइल पर एसएमएस के संबंध में कोई पूछताछ नहीं की गई। सहायक आपूर्ति अधिकारी राजगढ़ एवं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी संचालनालय मयंक चंदेल ने चार दुकानों की जांच की। जांच में दो दुकानों की जांच में स्टाक अधिक भरा होने के कारण भौतिक सत्यापन नहीं किया और शेष दो दुकानों की जांच में उपभोक्ताओं से पीओएस मशीन की पावती, मशीन की हकदारी की आवाज सुनाई देने और मोबाइल पर एसएमएस संबंधी पूछताछ नहीं की। विदिशा के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी शरह पंचोली ने पांच दुकानों की जांच की और प्री प्रिंटेड प्रोफार्मा में कथन भरे गए।पीओएस मशीन की पावती, मशीन में हकदारी की आवाज सुनाई देने और मोबाइल पर एसएमएस संबंधी पूछताछ नहीं की। सैयद परवेज नकवी और अनिल तिवारी ने भी पूछताछ में ढिलाई की थी इसके चलते इन सभी को निलंबित कर दिया गया।