September 23, 2024

सागर के कृषि विशेषज्ञ भूपेंद्र चौधरी दिखेंगे केबीसी की हॉट सीट पर

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बीना

टेलीविजन शो कौन बनेगा करोड़पति के 14वें सीजन में सागर जिले के कृषि विशेषज्ञ भूपेंद्र चौधरी का चयन हुआ है। भूपेंद्र को केबीसी की हॉट सीट तक पहुंचने में 22 साल का समय लगा। इन 22 साल में उन्होंने करीब 400 सवालों के जवाब दिए, तब जाकर उनका सिलेक्शन हुआ। सागर जिले से अब तक कोई भी व्यक्ति केबीसी की हॉट सीट पर नहीं बैठ पाया था।

खुरई तहसील खेजरा इज्जत गांव के भूपेंद्र चौधरी अब 10 नवंबर को अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठे दिखेंगे। इस कार्यक्रम का प्रसारण टीवी पर रात 9 बजे से होगा। गुजरात के दाहोद में नौकरी करने वाले भूपेंद्र के चयन पर उनके घर-परिवार वालों सहित पूरे शहरवासी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उनके गांव के अलावा जिले के लोग भी कार्यक्रम का इंतजार कर रहे हैं।

16 वर्ष की उम्र से कर रहे प्रयास

भूपेंद्र चौधरी ने बताया कि वे 16 वर्ष की आयु से केबीसी में जाने का प्रयास कर रहे थे। 22 साल की मेहनत और प्रयास के बाद उनका सपना पूरा हो सका है। इस दौरान उन्होंने करीब 400 सवालों को जवाब दिया। इस बार सभी सवालों के सही जवाब देने पर उनका सिलेक्शन हुआ है। उनका कहना है कि किस्मत, भाग्य और ज्ञान ने इस मुकाम तक पहुंचाया है।

अंतिम 10 में आने पर भी तीन दिन इंतजार

केबीसी के इस सीजन में अंतिम 10 प्रतिभागियों के रूप में चयन के बाद हॉट सीट पर पहुंचने के लिए उनको 3 दिन तक इंतजार करना पड़ा। अंतिम दौर में उन्होंने उम्मीद ही छोड़ दी थी, लेकिन किस्मत ने फिर उनका साथ दिया और फास्टेस्ट फिंगर राउंड के बाद वह हॉट सीट पर पहुंच गए।

कृषि विभाग में पदस्थ हैं भूपेंद्र

38 वर्षीय भूपेंद्र चौधरी बताते है कि वह वर्तमान में गुजरात के दाहोद में कृषि विशेषज्ञ के रूप में पदस्थ हैं। उनके पिता बसंत चौधरी जो सिंचाई विभाग से सब इंजीनियर के रूप में रिटायर हो चुके हैं। उनका एक भाई गजेंद्र चौधरी जो खरगोन में पटवारी है। उनके बड़े भाई गांव में किसानी का काम करते हैं। भूपेंद्र ने बताया कि उनकी प्राथमिक शिक्षा से लेकर हायर सेकंडरी तक की शिक्षा खरगोन जिले में हुई है।

बीएससी एग्रीकल्चर भारतीय कृषि महाविद्यालय दुर्ग में हुई। एमएससी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय जबलपुर से की। जबलपुर में ही कैंपस में सिलेक्शन होने के बाद उन्होंने अंबिकापुर में नौकरी की वहां से रिजाइन देने के बाद खुरई में करीब 1 वर्ष तक कीटनाशक दवाई कंपनी में नौकरी की। इसके बाद वर्ष 2014 में गुजरात के दाहोद में नौकरी मिलने के बाद से वहीं पर हैं। उनके परिवार में माता पानबाई चौधरी और पिता बसंत चौधरी के अलावा पत्नी चांदनी चौधरी, बेटा कनिष्क और बेटी रेवा है।

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