इटारसी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बने ‘पिनाका एमके-1’ रॉकेटों का कारगिल में सफल टेस्टिंग
नर्मदापुरम
इटारसी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बने 'पिनाका एमके-1' रॉकेटों की कारगिल के खारु नाला फील्ड फायरिंग रेंज (केएनएफएफआर) द्रास में टेस्टिंग हुई। पिनाका एमके-1 के 7 रॉकेट 50 किमी के टारगेट पर पहुंचे। यह परीक्षण म्युनिशंस इंडिया लिमिटेड की इकाई इटारसी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय सेना के सहयोग से हाई एल्ट्यूड एरिया (एचएए) परीक्षणों के हिस्से के रूप में किया। कारगिल में यह परीक्षण 2 दिन में 18 अक्टूबर और 19 अक्टूबर को किया गया था।
उन्नत के रेंज के 7 रॉकेटों को अलग-अलग रेंज में दागा गया। आयुध अधिकारियों के अनुसार परीक्षण 100 प्रतिशत सफल रहा। इसके पहले पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में 26 उन्नत रेंज के इन्हीं रॉकेटों को अलग-अलग रेंज में दागा गया था। 6 साल पहले इटारसी आयुध निर्माणी ने पिनाका मार्क-2 राकेट के एडवांस वर्जन का परीक्षण टेस्टिंग रेंज में जमीन के अंदर किया था।
पिनाका एमके-1 को उन्नत संस्करण में बदलने की योजना
ओएफआई ने केस बॉन्डेड टेक्नोलॉजी यानी रॉकेट मोटर में सीधे प्रोपेलेट कास्टिंग के माध्यम से उन्नत संस्करण का निर्माण किया है, जिसने साइकिल टाइम को 25 दिनों तक कम कर दिया है और रेंज भी 50 किमी तक बढ़ा दी है। इसके पहले साइकल टाइम 35 दिन और रेंज 45 किमी की गई थी। सेना की योजना अंततः पिनाका एमके-1 को उन्नत संस्करण में बदलने की है। इससे भारतीय सेना की सामरिक क्षमता में सुधार होगा।
रॉकेट प्रणाली में निर्यात की संभावना
इटारसी ऑर्डनेंस फैक्ट्री के उप महाप्रबंधक जीके पाल कहते हैं इस राकेट प्रणाली में निर्यात की भी अपार संभावना है। ओएफआई को पिनाका एमके-1 रॉकेट का भविष्य में अच्छा वर्क लोड मिलेगा।