September 23, 2024

मुख्य सचिव अशोक शाह के बयान पर बवाल ,CM महिलाओं से माफी मांगे

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भोपाल
 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की उपस्थिति में एसीएस अशोक शाह (Ashok Shah) के बयान ने बवाल खड़ा कर दिया है। कांग्रेस (Congress) ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि ये बयान महिला विरोधी, मां विरोधी व बेटी विरोधी है। इससे भाजपा सरकार की महिला विरोधी मानसिकता दिख रही है और इसे मुख्यमंत्री को प्रदेश की महिलाओं से माफी मांगना चाहिए। ये बयान मंगलवार को भोपाल के रविंद्र भवन में शिवराज सरकार के लाडली लक्ष्मी कार्यक्रम में दिया गया था।
सीनियर आईएएस के किस बयान से नाराज हुईं उमा भारती, सीएम से की बात

बता दें कि महिलाओं में स्तनपान (breastfeeding) की बढ़ोत्तरी के पीछे सरकार की एक योजना का हवाला देते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक शाह (Ashok Shah) ने ये बयान दिया था। महिला बाल विकास विभाग के लाड़ली लक्ष्मी योजना 2 (Ladli Laxmi Yojana 2) कार्यक्रम के दौरान सीएम शिवराज मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे। इसी कार्यक्रम में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक शाह ने कहा कि दरअसल मध्यप्रदेश में अपनी बेटियों को दूध पिलाने वाली मांओं की संख्या काफी कम थी। जो अब योजना प्रारंभ होने के बाद बढ़  गई हैं। उन्होने कहा कि साल 2005 में सिर्फ 15 प्रतिशत माएं अपनी बेटियों को दूध पिलाती थीं और योजना के बाद आज ये आंकड़ा 42 प्रतिशत हो गया है।

इसे लेकर अब मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा (Narendra Saluja) ने कड़ा विरोध जाहिर किया है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री की मौजूदगी में इस तरह का बयान आपत्तिजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है। ये लज्जाजनक है और माता विरोधी तथा बेटी विरोधी बयान है। उन्होने पूछा कि किस आधार पर उन्होने ये बयान दिया है। ये प्रदेश की और माताओं की छवि खराब करने वाला बयान है और सीएम को इसपर माफी मांगनी चाहिए, साथ ही अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। वरिष्ठ उपाध्यक्ष महिला कांग्रेस नूरी खान (Noori khan) ने भी इसपर विरोध जताते हुए कहा कि ‘ शिवराज सिंह चौहान जी, आपकी मौजूदगी में अधिकारी द्वारा ये बयान लज्जाजनक है और स्त्रीत्व के खिलाफ है माँ के लिए बेटा और बेटी समान होते हैं तुरंत माफ़ी मांगे और ऐसे अधिकारी को बर्खास्त करे जो इस प्रदेश की माताओ का अपमान कर रहे है!’

इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) ने भी इस बयान पर विरोध दर्ज करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान से बात की थी। इसे लेकर उन्होने ट्वीट भी किया और लिखा कि ‘मध्यप्रदेश में लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 के क्रियान्वयन शुरू होने का स्वागत। मध्य प्रदेश सरकार के इस कार्यक्रम में भाषण देते हुए प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी का बेहद असंगत एवं हास्यास्पद कथन देखा। हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री जी महिलाओं के सम्मान के लिए बहुत सजग एवं संवेदनशील हैं, जब मैंने आज फोन पर बात करके उनको यह बात बताई तो वह इस कथन से असहमत एवं आश्चर्यचकित थे। मुख्यमंत्री जी की बात से लगा कि समारोह में बहुत शोर के कारण वह इस बात को सुन नहीं पाए। मुझे लगता है कि वह इस कथन को ठीक करने का रास्ता स्वयं निकाल लेंगे। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि “हमारी योजना के कारण अब 42% महिलाएँ अपनी बेटियों को दूध पिलाती हैं जबकि 2005 से पहले वह 15% था।” अगर यह कथन सही छपा है तो यह बेटी विरोधी, माता विरोधी एवं मध्यप्रदेश की मातृशक्ति की छवि खराब करने वाला है, अधिकारियों को अपने बयान के प्रति सचेत एवं जिम्मेवार रहना चाहिए। अमीर हो या ग़रीब, बेटा हो या बेटी, बच्चे के जन्मते ही हर माँ अपने बच्चे को दूध पिलाती ही है, लाखों में एक केस में कई कारणों से ऐसा नहीं होता होगा। आखिर सारी महिलाएँ बेटियाँ ही हैं वो ज़िंदा कैसे रह गईं।’ उमा भारती के बाद अब कांग्रेस भी आईएएस के बयान के विरोध में सामने आ गई है और उनपर कार्रवाई की मांग की है।

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