प्रदेश अबतक 40 हजार गांवों में ड्रोन फ्लाइंग सर्वे का काम पूरा
भोपाल
स्वामित्व योजना में प्रदेश के 56 हजार गांवों में से अब तक 40 हजार गांवों में ड्रोन फ्लाइंग सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है और इसी साल दिसम्बर तक सभी गांवों में सौ फीसदी सर्वे करा लिया जाएगा। प्रदेश के राजस्व महकमे के अधिकारी स्वामित्व योजना में देश को अव्वल बनाए रखने के लिए काम कर रहे हैं और दिसम्बर 2023 तक पूरे प्रदेश में स्वामित्व योजना का काम पूरा कर लेने का टारगेट रखा गया है।
यह जानकारी गुरुवार को कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में प्रमुख राजस्व आयुक्त संजय गोयल ने केंद्रीय पंचायत राज विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में एमपी की ओर से प्रजेंटेशन देते हुए कही। स्वामित्व एवं रूरल प्लानिंग (ग्रामीण आयोजना) विषय पर आयोजित कार्यशाला में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया भी शामिल हुए। कॉन्फ्रेंस में देश के विभिन्न राज्यों के 150 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। दो सत्रों में होने वाली कांफ्रेंस में स्वामित्व योजना और ग्रामीण आयोजना विषय पर व्याख्यान, विशेषज्ञ समिति की सिफारिशें, समूह विमर्श, प्रश्नोत्तर-सत्र, खुली चर्चा की जा रही है। स्वामित्व योजना को लेकर एमपी में किए गए कामों की जानकारी देते हुए प्रमुख राजस्व आयुक्त गोयल ने कहा कि इस योजना के काम में एमपी सरकार द्वारा बनाया गया समग्र पोर्टल बहुत मददगार हो रहा है। इस परिवार डेटा के जरिये काम करने में आसानी हो रही है। इसमें ड्रोन सर्वे के जरिये स्वामित्व नक्शे भी तैयार हो रहे हैं और उसे लैंड रिकार्ड पोर्टल पर अपलोड करने व एंड टू एंड मानीटरिंग करने का काम भी किया जा रहा है। अब तक 40 हजार गांवों में ड्रोन सर्वे किया जा चुका है। साथ ही 11600 गांवों का अधिकार अभिलेख प्रकाशन भी हो चुका है। तीन अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिये प्रदेश के 9.37 लाख लोगों को स्वामित्व कार्ड भी सरकार दे चुकी है।
शहरों का भी ड्रोन सर्वे करना होगा
कांफ्रेंस में सचिव पंचायती राज सुनील कुमार ने उत्तरप्रदेश के नोएडा और अन्य शहरों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां शहरी इलाकों का सर्वे नहीं करने की दिक्कत सामने आई थी। इसके बाद अब वहां शहरी इंडस्ट्रियल इलाकों में भी आबादी भूमि का ड्रोन सर्वे कराया जा रहा है। आने वाले सालों में देश के अन्य राज्यों में भी आबादी भूमि का ड्रोन सर्वे शहरी इलाकों में करने की स्थिति बनना तय है। इसलिए राज्यों को इसके लिए अभी से काम शुरू करना चाहिए।