मध्यप्रदेश के जनजातीय विद्यार्थियों ने कल्चरल फेस्ट में पाया देश में तीसरा स्थान
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के विद्यार्थियों ने किया प्रदेश का नाम रोशन
भोपाल
केन्द्र सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत देश के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) के लिए बैंगलुरु में आयोजित तीसरे नेशनल कल्चरल फेस्ट में मध्यप्रदेश ने देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। तीन दिवसीय फेस्ट में देश के हजारों विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया, जिसमें 13 विभिन्न विधाओं में मध्यप्रदेश के विद्यार्थियों ने अपनी जगह बनाई। मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य विभाग के अधीन संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के लगभग 80 जनजातीय विद्यार्थियों ने फेस्ट में यह उपलब्धि प्राप्त कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। बैंगलुरु स्थित आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल सेंटर में हुए प्रदेश के विद्यार्थियों को भव्य समारोह में पुरस्कार वितरित किए गए। इस दौरान इन जनजातीय विद्यार्थियों के दल ने कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत से भी भेंट भी की। इस उपलब्धि पर जनजातीय कार्य विभाग के आयुक्त संजीव सिंह सहित अधिकारियों ने विद्यार्थियों को बधाई दी।
अंग्रेजी भाषण, प्रश्नोत्तरी और अंग्रेजी में वाद-विवाद में रहे अव्वल
ईएमआरएस इंदौर की साक्षी मयड़िया और राजाराम ने प्रश्नोत्तरी में पहला स्थान प्राप्त किया। साक्षी ने अंग्रेजी भाषण में भी पहला स्थान प्राप्त किया। हिंदी वाद-विवाद में ईएमआरएस इंदौर की वैष्णवी वास्कले और पीवीटीजी, ईएमआरएस इंदौर की नेहा यशवंत ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। अंग्रेजी वाद-विवाद में ईएमआरएस इंदौर के सौम्य राय ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। ईएमआरएस इंदौर की हिमांगी खपड़े ने स्पेल-बी में दूसरा स्थान हासिल किया। ईएमआरएस बड़वानी के कार्तिक डोडवे ने हिंदी भाषण में दूसरा और ईएमआरएस पाली के तीरथ सिंह ने काव्यपाठ में तीसरा स्थान प्राप्त किया।
जनजातीय एकल गीत गायन में देश में प्रथम और शास्त्रीय गायन में भी अग्रणी
ईएमआरएस बुदनी की भारती बिघेले ने उप शास्त्रीय गायन में द्वितीय स्थान और ईएमआरएस धंसौर के आशीष मिश्र ने शास्त्रीय गायन में तीसरा स्थान प्राप्त किया। देशभक्ति समूह गायन में ईएमआरएस बड़वानी का दल तृतीय रहा। जनजातीय एकल गीत गायन में ईएमआरएस बुदनी की रंगिता ने पहला मुकाम हासिल किया। साथ ही, उप शास्त्रीय एकल गायन में ईएमआरएस तामिया के आशीष भारती ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
कल्चरल फेस्ट में शास्त्रीय और उप शास्त्रीय गायन, वाद्य वादन, एकल एवं समूह गायन, तात्कालिक चित्रकारी, नाटक, जनजातीय समूह नृत्य, लोकनृत्य और समूह गायन जैसी विधाओं के अलावा कहानी पाठ, सृजनात्मक लेखन, स्पेलबी और वाद-विवाद प्रतियोगिताएँ भी हुई।