September 23, 2024

राज्यपाल पटेल करेंगे अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ

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मंत्री सुश्री ठाकुर और डॉ. यादव होंगे शामिल

भोपाल

राज्यपाल मंगुभाई पटेल शुक्रवार, 4 नवंबर को उज्जैन में अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ करेंगे। संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री सुश्री उषा ठाकुर और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव समारोह में शामिल होंगे। चित्रकूट के पूज्य स्वामी रामभद्राचार्य जी का सारस्वत उद्बोधन होगा। प्रतिष्ठित कालिदास सम्मान भी प्रदान किए जाएंगे। रंगकर्म, शास्त्रीय नृत्य, रूपंकर और शास्त्रीय संगीत की विधा में कलाकारों को सम्मानित किया जाएगा। कालिदास संस्कृत अकादमी परिसर में 7 दिवसीय कालिदास समारोह 4 नवंबर से 10 नवंबर तक चलेगा।

प्रमुख सचिव संस्कृति और पर्यटन शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि समारोह में राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी, अंतर महाविद्यालय काव्य पाठ प्रतियोगिता, राजस्थान शैली में भोपा-भोपी चित्रांकन और गायन, महाकवि कालिदास पर केंद्रित संस्कृत नाटक, नृत्य नाटिका और हिंदी नाटक सहित शास्त्रीय गायन, सितार वादन और स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति होगी। समारोह का सजीव प्रसारण इलेक्ट्रॉनिक चैनल, यूट्यूब सहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी किया जाएगा।

अखिल भारतीय कालिदास समारोह के सांस्कृतिक कार्यक्रम

अखिल भारतीय कालिदास समारोह के पहले दिन 4 नवंबर को कालिदास संस्कृत अकादमी और महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा नाटक "मालविकाग्निमित्रम्" का मंचन किया जाएगा। समारोह के दूसरे दिन सुश्री आयुर्धा शर्मा द्वारा शास्त्रीय नृत्य कथक और कोलकाता के श्री बुधादित्य मुखर्जी द्वारा शास्त्रीय सितार वादन की प्रस्तुति होगी। रविवार 6 नवंबर को भुवनेश्वर के श्री गजेंद्र पण्डा द्वारा ओडीसी नृत्य और कोलकाता के श्री पियाल भट्टाचार्य द्वारा विक्रम संवत्सर पर केंद्रित हिंदी नाटक का मंचन किया जाएगा। सोमवार 7 नवम्बर को समारोह स्थानीय कलाकार श्री हरिहरेश्वर पोद्दार द्वारा कथक नृत्य और उज्जैन के श्री विशाल कलंबकर द्वारा मालवी नाटक मालव कीर्तिगाथा का मंचन किया जाएगा। पाँचवे दिन मंगलवार 8 नवंबर को उज्जैन की सुश्री खुशबू पांचाल द्वारा कथक नृत्य और त्रिवेंद्रम की सुश्री मैथिल देविका द्वारा मोहिनीअट्टम एकल शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा। बुधवार 9 नवंबर को उज्जैन की सुश्री आयुषी त्रिवेदी द्वारा कथक और कोलकाता की सुश्री कौशिकी चक्रवर्ती द्वारा शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति होगी। कालिदास समारोह के अंतिम दिन उज्जैन की डॉ. वर्षा अग्रवाल द्वारा संतूर वादन और नई दिल्ली की  संध्या पुरेचा द्वारा भरतनाट्यम शैली में मेघदूत और ऋतुसंहार पर नृत्य नाटिका की प्रस्तुति होगी।

 

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