पीएम आवास के बदले घूस की 18 हजार शिकायत दर्ज, सवालों के घेरे में आई ब्यूरोक्रेसी
भोपाल
प्रदेश में केंद्र सरकार की प्राथमिकता वाली गरीब कल्याण अन्न योजना में राशन दुकानों के जरिये किए गए करप्शन का खुलासा होने और 19 अफसरों के विरुद्ध निलंबन व चार्जशीट देने की कार्यवाही के बाद अब प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर भी सवाल उठाए जाने लगे हैं। इस मामले में केंद्र सरकार के पास एक हजार और राज्य सरकार के पास 18 हजार कम्प्लेन पीएम आवास देने के बदले घूस मांगने की दर्ज हो चुकी है। अफसरों के मुताबिक पीएम आवास योजना नगरीय और ग्रामीण इलाकों दोनों ही क्षेत्र में संचालित है। नगरीय विकास और आवास विभाग द्वारा शहरी क्षेत्रों में बनवाए जा रहे आवासों में राज्य सरकार के पास 9368 कम्प्लेन आई हैं जबकि केंद्र के पास 283 शिकायतें की गई हैं। इसी तरह पंचायत और ग्रामीण विकास की मानीटरिंग के जरिये गांवों में बनाए जा रहे आवासों को लेकर रिश्वत मांगने के 8491 मामले सामने आए हैं। आवास निर्माण के मामले में घूस मांगने के 672 मामले केंद्र के पास शिकायत के रूप में पहुंचे हैं, जिस पर एक्शन के लिए राज्य सरकार को कहा गया है।
सीएम ने दो माह में लिए सख्त एक्शन, अफसर डेढ़ माह से तैयार नहीं कर रहे रिकार्ड
इस मामले में यह बात भी सामने आई है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पिछले दो माह में पीएम आवास योजना में रिश्वत और अन्य तरह की घूस मांगने वालों के विरुद्ध सख्त एक्शन लिया गया है। कई जिलों की समीक्षा के दौरान सीएम चौहान के निर्देश पर ऐसे कर्मचारियों व अधिकारियों के विरुद्ध निलंबन, बर्खास्तगी और एफआईआर कराने की कार्यवाही की गई है लेकिन इस मामले में अब अफसरशाही तथ्यों को छिपाने में जुट गई है। इसीलिए 15 सितम्बर के बाद से लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रदेश के नागरिकों द्वारा की जाने वाली शिकायतों को अपडेट नहीं कर रहा है। इसकी जानकारी फिलहाल पब्लिक और प्रशासनिक डोमेन में नहीं डाली जा रही है।