भोपाल नगर निगम :पुराना साफ्टवेयर पर करोड़ों खर्च ,जनता को कोई राहत नहीं
भोपाल
भोपाल नगर निगम ने ई नगर पालिका साफ्टवेयर से पूरी तरह छुटकारा पा लिया है, लेकिन इससे आम जनता को कोई राहत नहीं मिली है। नगर निगम अब अपने पुराने हाना साफ्टवेयर पर काम करने लगा है। इसके बावजूद शहरवासियों को वार्ड कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़े रहे हैं। इसकी एक वजह डबल आईडी के पेंडिंग केस बताए जा रहे हैं। यह करीब 4 हजार से अधिक केस हैं। जिनको बंद करवाने के लिए शहरवासियों को बार-बार वार्ड कार्यालय जाना पड़ रहा है।
इसके अलावा पूर्व में जमा किये गए टैक्स की रसीद देने में भी आनाकानी कर रहे हैं, क्योंकि हाना साफ्टवेयर सपोर्ट नहीं कर रहा है। इस संबंध में अपर आयुक्त ऋजु बाफना का कहना है कि इसकी जांच चल रही है। इन दिक्कतों को जल्द दूर कर किया जाएगा।
पुराना साफ्टवेयर शुरू करने पर खर्च किए 8 करोड़
निगम को अपने पुराने साफ्टवेयर को दोबारा शुरू करने में 8 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े हैं। वहीं इससे पहले ई नगर पालिका साफ्टवेयर पर निगम करोड़ों रुपये खपा चुका है। अहम बात यह है कि साफ्टवेयर में आ रही दिक्कतों को निगम के आईटी सेल के कर्मचारी नहीं सुलझा पा रहे।
एक अप्रैल से खुद के साफ्टवेयर पर कर रहे काम
नगर निगम खुद के साफ्टवेयर पर एक अप्रैल से काम कर रहा है। निगम को 7 महीने से अधिक का समय हो गया है, लेकिन इसके बावजूद अब तक के साफ्टवेयर पर पुराना डाटा अपलोड नहीं हुआ है।इस लापरवाही के कारण शहरवासी आज भी परेशान हो रहे हैं।
प्रत्येक वार्ड 50 से अधिक केस पेंडिंग
नगर निगम के प्रत्येक वार्ड कार्यालय में डबल आईडी के 50 से अधिक केस बंद करने के लिए पेंडिंग हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो 4250 से अधिक केस पेंडिंग हैं। डबल आईडी को बंद करवाने के लिए शहरवासी अप्रैल से आवेदन कर रहे हैं। डबल आईडी के केस का ग्राफ दिनों दिन बढ़ता जा रहा है।
पुरानी रसीद देने में आ रही है दिक्कत
शहरवासियों को संपत्तिकर की जमा की गई राशि की पुरानी रसीद देने में नगर निगम के पसीने छूट रहे हैं। रजिस्टर में पुराना रिकार्ड दर्ज हैं। इसके बावजूद कंप्यूटर से रसीद नहीं दी जा रही। चूंकि ई नगर पालिका साफ्टवेयर से पुराना डाटा नए साफ्टवेयर में अपडेट नहीं हुआ है। इस वजह से कुछ दिक्कतें आ रही हैं।