September 24, 2024

Ujjain के जंतर मंतर पर लगेगी वैदिक घड़ी, कालगणना और भी आसान होगी

0

उज्जैन

प्रदेश की बेहद प्राचीन और धार्मिक नगरी उज्जयिनी को वापस कालगणना की दृष्टि से लगभग 300 साल पहले जयपुर के महाराजा जयसिंह ने जन्तर मन्तर का निर्माण कराया था। इसको पुनर्स्थापित करने के उद्देश्य से उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव के प्रयास से जन्तर मन्तर पर एक करोड़ 62 लाख रुपये की लागत से वैदिक घड़ी का निर्माण कराया जायेगा। इस वैदिक घड़ी के निर्माण कार्य का भूमि पूजन 6 नवम्बर को उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में जन्तर-मन्तर पर विधिवत भूमि पूजन का कार्यक्रम सम्पन्न होगा।

कुछ इस तरह काम करेगी घड़ी

यह घड़ी वैदिक काल गणना के सिद्धांतों के आधार पर स्थिर होगी। प्रतिदिन सूर्योदय में होने वाले परिवर्तन तथा देश और दुनिया में अलग अलग स्थानों पर अलग अलग समय पर होने वाला सूर्योदय भी सिंक्रोनाइज होगा। वैदिक घड़ी की एप्लिकेशन में विक्रम पंचांग भी समाहित रहेगा,जो प्रतिदिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त, विक्रम संवत मास, ग्रह स्थिति, योग, भद्रा स्थिति, चंद्र स्थिति, पर्व, शुभाशुभ मुहूर्त, नक्षत्र, जयंती, व्रत, त्योहार, चोघड़िया, सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण, प्रमुख अवकाश, आकाशस्य ग्रह, नक्षत्र, धूमकेतु आदि ज्योति:स्वरूप पदार्थो का स्वरूप, संचार, परिभ्रमण, कालग्रहण आदि घटनाओं का निरूपण, तिथि वार, नक्षत्र, योग, करण, आदि की विस्तृत जानकारी अनिवार्य रूप से उपलब्ध करायेगी। वैदिक घड़ी एप्लिकेशन को मोबाइल, एलईडी, स्मार्ट टीवी, टैब, डिजिटल घड़ी आदि पर अवश्य देखा, दिखाया जा सकेगा। वैदिक घड़ी के बैकग्राउंड ग्राफिक्स में सभी ज्योतिर्लिंग, नवग्रह, राशि चक्र, सूर्योदय, सूर्यास्त आदि रहेगा।

कुछ ऐसा है धार्मिक महत्व

उल्लेखनीय है कि उज्जयिनी में दक्षिण की ओर मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के दाहिनी तरफ जयसिंहपुरा स्थान पर प्रेक्षाग्रह जन्तर मन्तर महल के नाम से जाना जाता है। इसे जयपुर के महाराजा जयसिंह ने 1733 ईस्वी में बनवाया था। जैसा कि भारत के खगोलशास्त्री तथा भूगोलवेत्ता यह मानते आये हैं कि देशांतर रेखा उज्जैन से होकर गुजरती है। यहां के प्रेक्षाग्रह का भी विशेष महत्व रहा है। यहां चार यंत्र लगाये गये हैं, जिनमें सम्रात यंत्र, नाद वलम यंत्र, दिगांरा यंत्र एवं मिट्टी यंत्र। इन यंत्रों का सन 1925 में महाराजा माधवराव सिंधिया ने मरम्मत करवाया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *