नाम बदलते ही एसएसबी की परीक्षा में गड़बड़ी, गलत पेपर डाउनलोड होने से परेशान हुए अभ्यर्थी
परीक्षा केंद्रों पर हुआ हंगामा, डेढ़ घंटे देरी से शुरू हुई परीक्षा
भोपाल
गड़बड़ी और घोटाले वाली छवि को बदलने के लिए व्यापमं बनाम पीईबी का नाम भले ही परिवर्तित कर दिया हो, लेकिन काम के ढर्रे में अब भी कोई बदलाव नहीं आया है। हालही में व्यापमं का नाम बदलकर मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (एसएसबी) कर दिया गया है। नाम बदलने के साथ ही गड़बड़ी की शुरू हो गई है।
पीईबी की 4 अक्टूबर से एसएसबी की समूह-1 उप समूह-1 के अंतर्गत जिला वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी, प्रबंधक ( गुणवत्ता नियंत्रक) (कार्यपालिक) पदों हेतु संयुक्त भर्ती परीक्षा शुरू शुरू हुई। यह परीक्षा दो पाली में आयोजित की जा रही है। परीक्षा के दूसरे दिन शनिवार को पहली पाली में उस वक्त परीक्षा केंद्रों पर हंगामे की स्थिति बन गई, जब परीक्षा में गलत पेपर डाउनलोड हो गया।
बताया जा रहा है कि परीक्षा में पहली पाली में जो पेपर डाउनलोड किया गया था, वह विषय से संबंधित नहीं था। इससे परीक्षा केंद्र पर उम्मीदवारों ने हंगामा भी किया एवं आपत्ति भी दर्ज कराई। अभ्यर्थियों की आपत्ति के बाद मंडल ने करीब डेढ़ घंटे बाद दूसरा पेपर डाउनलोड किया।
कॉलेज प्रबंधन ने भी गलत पेपर डाउनलोड होने की बात स्वीकार की, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस परीक्षा से उनका कोई लेनदेन नहीं है। कर्मचारी चयन मंडल ने उनके कॉलेज को परीक्षा केंद्र बनाया है। इसमें सारी व्यवस्थाएं मंडल की होती हैं। इधर परीक्षा में गड़बड़ी सामने आने के बाद मंडल के जिम्मेदार अधिकारियों ने फोन बंद कर लिया। उनसे कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं हो सकी।
मालूम हो कि मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल का तीसरा नाम है। इसके पहले भी नाम बदले जा चुके हैं। सबसे पहले इसका नाम मप्र व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) था। इसके बाद प्रोफेशनल एग्जामिनेश बोर्ड (पीईबी) रखा गया। नाम बदलने के पीछे व्यापमं की घोटाले वाली छवि को ठीक करना बताया गया था।
अक्टूबर में बदला था नाम
पीईबी के नाम बदलने की प्रक्रिया 7 महीने पहले कैबिनेट की मीटिंग में शुरू की गई थी। सबसे पहले व्यावसायिक परीक्षा मंडल चिकित्सा और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षा कराने के लिए बना था। बदलते वक्त के साथ मंडल में प्रतियोगी परीक्षाएं कराई जाने लगी हैं। मंडल के काम में आए बदलाव को ध्यान में रखते हुए इसका नाम कर्मचारी चयन मंडल किया गया है।