November 26, 2024

15 नवंबर को शिकारपुर की गांधी चौपाल में शामिल होंगे कमलनाथ

0
  • अब तक 7000 गांधी चौपालें आयोजित : भूपेन्द्र गुप्ता
  • प्रदेश पलायन का शिकार ,मनरेगा में नहीं मिल रहा काम

भोपाल
अपने संगठनात्मक आधार को मजबूत करने में लगी कांग्रेस प्रदेश में 2 अक्टूबर से अब तक 7000 गांधीचौपालें आयोजित की जा चुकी हैं। ये चौपालें छोटे-छोटे मजरे टोला से लेकर पहाड़ी क्षेत्रों एवं शहर के वार्डों  तक में आयोजित की गई हैं।इन चौपालों के माध्यम से प्रदेश की वास्तविक स्थिति सामने आ रही है। 18 साल के कुशासन में किस तरह से जनता दमन , शोषण  और गरीबी का शिकार हुई है उसकी बानगी अविस्मरणीय है।

प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष एवं गांधी चौपाल के प्रदेश प्रभारी भूपेंद्र गुप्ता ने बताया कि आगामी 15 नवंबर को छिंदवाड़ा के शिकारपुर में आयोजित गांधी चौपाल में पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस अध्यक्ष श्री कमलनाथ शामिल रहेंगे। गुप्ता ने यह भी बताया कि छिंदवाड़ा जिले में एक ही दिन में एक साथ अलग-अलग समन्वयकों द्वारा एक ही दिन में 54 गांधी चौपाल लगाने का  रिकॉर्ड कायम किया है। प्रदेश में ग्वालियर, निवाड़ी सतना रीवा, सिंगरौली ,इंदौर ग्रामीण, सागर, सीधी टीकमगढ़,भिंड,मुरैना,खंडवाआदि जिलों में  सर्वाधिक चौपालें आयोजित हुई हैं।

गुप्ता ने बताया कि चौपालों के माध्यम से जो जानकारियां सामने आ रही हैं वे चौंकाने वालीं हैं। कई जिलों में टापुओं पर नागरिक बसाहटें हैं। गांव जाने के लिए नाव से जाना पड़ता है और नाव से उतरने के बाद भी  2-2 किलोमीटर ऊपर पहाड़ चढ़ना पड़ता है। प्रदेश के ज्यादातर सीमावर्ती इलाके पलायन की समस्या से ग्रसित हैं। कई गांव में बुजुर्ग महिलाओं के अलावा कोई भी नहीं मिलता ।सारे पुरुष गुजरात ,उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मुंबई काम की तलाश में पलायन कर गए हैं।

प्रदेश में न तो मनरेगा या अन्य कोई योजना उन्हें संतोषजनक काम देने में असफल हुई है। कई गांव में बिजली नहीं है कई में बिजली काट दी गई है। पीने के पानी के लिए मीलों दूर जाना पड़ता है। डॉक्टरों की उपलब्धता ग्रामीण क्षेत्रों में कभी-कभी भगवान के वरदान की तरह मिल पाती है।

हैरान करने वाली बात है कि पीने का पानी, बिजली और अधिकृत राशन तो नहीं पहुंचा किंतु नशा गांवों-गांव तक पहुंच गया है।बेरोजगार नशे के चपेट में हैं।मंहगाई विस्फोटक है।

 गुप्ता ने कहा कि चौपालों के माध्यम से आने वाली समस्याओं की जानकारी प्रदेश की जनता को 2023 में प्रमाण सहित दी जाएगी। लगभग 3000 चौपाल समन्वयक निरंतर गांव से जनसंपर्क को सतत बनाए हुए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *