मेटा की बड़े स्तर पर छंटनी की योजना,जाएगी हजारों की नौकरी
नईदिल्ली
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक बड़े स्तर पर छंटनी की योजना बना रही है। अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल में रविवार की अपनी एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। इस छंटनी का असर मेटा के हजारों कर्मचारियों पर पड़ सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार छंटनी संबंधी घोषण इसी हफ्ते बुधवार तक की जा सकती है। बहरहाल, वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट पर मेटा ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार किया है। हाल के महीनों में मेटा वैश्विक आर्थिक विकास के धीमा होने के बीच टिक टॉक जैसे प्लेटफॉर्म से प्रतिस्पर्धा, ऐप्पल की ओर से प्राइवेसी शर्तों में बदलाव, मेटावर्स पर बड़े पैमाने पर खर्च और कुछ कानूनी पेचीदगियों के खतरे आदि से जूझ रहा है।
मेटा के मुख्य कार्यकारी मार्क जुकरबर्ग ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि मेटावर्स में निवेश का फायदा नजर आने में लगभग अभी एक दशक लगेगा। इस बीच उन्हें हायरिंग को रोकने, कई प्रोजोकट्स को बंद करने और लागत को कम करने के लिए टीमों को पुनर्गठित करने की जरूरत है। जुकरबर्ग ने अक्तूबर में कहा था, '2023 में हम अपने निवेश को उच्च प्राथमिकता वाले विकास क्षेत्रों की एक छोटी संख्या पर केंद्रित करने जा रहे हैं।
इसका मतलब है कि कुछ टीमें सार्थक रूप से बढ़ेंगी, लेकिन अधिकांश अन्य टीमें फ्लैट बनी रहेंगी या अगले साल छोटी होंगी। कुल मिलाकर, हम उम्मीद करते हैं 2023 के खत्म तक मोटे तौर पर हम इसी आकार में होंगा या आज की तुलना में थोड़ा छोटा संगठन होगा।' सोशल मीडिया कंपनी ने जून में इंजीनियरों को कम से कम 30% तक नियुक्त करने की योजना में कटौती की थी। साथ ही जुकरबर्ग ने कर्मचारियों को आर्थिक मंदी के लिए चेतावनी भी दी थी।
मेटा के भारत में प्रमुख दे चुके हैं इस्तीफा
पिछले ही हफ्ते मेटा ने बताया कि भारत में उसके प्रमुख अजीत मोहन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वह फरवरी से मेटा की प्रतिद्वंद्वी स्नैप से जुड़ जाएंगे। मेटा और स्नैप दोनों ने इस खबर की पुष्टि की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म स्नैपचैट का स्वामित्व रखने वाली स्नैप ने बताया कि मोहन फरवरी में एशिया प्रशांत क्षेत्र के अध्यक्ष के रूप में कंपनी में शामिल होंगे। इससे पहले हाल में दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क द्वारा ट्विटर का अधिग्रहण किए जाने के बाद इस कंपनी में बड़े बदलाव देखे जा रहे हैं।
मस्क ने ट्विटर की कमान संभालते ही कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) पराग अग्रवाल और कानूनी मामलों एवं नीति प्रमुख विजया गड्डे समेत चार शीर्ष अधिकारियों को निकाल दिया था। इसके बाद ट्विटर ने दुनिया भर में बड़े पैमाने पर छंटनी के हिस्से के रूप में भारत में भी अपने 200 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया।