एलन मस्क ने Twitter से निकाले कर्मचारियों को वापस बुलाया!
नई दिल्ली
दुनिया के सबसे अमीर इंसान एलन मस्क (Elon Musk) सिर्फ दौलत को लेकर ही नहीं, बल्कि अन्य कई वजहों से लगातार सुर्खियों में रहते हैं. Twitter की कमान अपने हाथों में लेकर उसमें ऊपर से नीचे तक छंटनी (Layoff) की तलवार चलाने वाले मस्क को शायद अपनी गलती का एहसास होने लगा है. एक रिपोर्ट की मानें तो ट्विटर ने निकाले गए कर्मचारियों में से कुछ से वापस काम पर आने की गुहार लगाई है.
ट्विटर की आधी वर्कफोर्स को किया साफ
Twitter में आते ही एलन मस्क ने पहले सबसे पहले भारतीय मूल के सीईओ पराग अग्रवाल समेत तीन शीर्ष अधिकारियों की छुट्टी की और फिर एक के बाद एक बड़ी छंटनी करते चले गए. कंपनी के पूरे बोर्ड को ही फायर करने के बाद उन्होंने बीते शुक्रवार को करीब 3700 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया. इतने बड़े स्तर पर छंटनी के बाद अब उन्हें अपनी गलती का एहसास हो रहा है और उन्होंने यू-टर्न ले लिया है.
अब कहा- 'Please Come Back'
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, Elon Musk ने ट्विटर से निकाले गए कर्मचारियों में से कुछ कर्मचारियों से काम पर वापस करने की अपील की है. कंपनी की ओर से बर्खास्त कर्मचारियों से गुजारिश की गई है कि, 'Please Come Back', हालांकि, रिपोर्ट में इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि मस्क ने कितने कर्मचारियों से वापस काम पर आने के लिए कहा है. गौरतलब है कि ट्विटर में इतने बड़े पैमाने पर छंटनी को लेकर कंपनी की पूर्व बॉस जैक डोर्सी ने भी चिंता जताई थी.
ट्विटर डील के बाद लगातार सुर्खियों में
माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर को 44 अरब डॉलर में खरीदने वाले अरबपति एलन मस्क पिछले कई दिनों से कंपनी ने नए नियमों और कर्मचारियों की छंटनी को लेकर सुर्खियों में हैं. एलन मस्क ने अपने ऑपरेशन क्लीन के तहत भारत में ट्विटर की लगभग पूरी टीम को ही बाहर का रास्ता दिखा दिया था. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि कंपनी ने कुछ कर्मचारियों को गलती से निकाल दिया था, जिन्हें वापस आने के लिए कहा जा रहा है.
Musk ने बताई थी छंटनी की वजह
ट्विटर के नए बॉस एलन मस्क ने बीते शुक्रवार को कर्मचारियों जबरदस्त छंटनी के बाद इसकी बड़ी वजह का ट्वीट के जरिए बताई थी. उन्होंने कहा था, 'जहां तक ट्विटर के वर्कफोर्स में कमी की बात है तो कंपनी के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है. ट्विटर को रोजाना करीब 40 लाख डॉलर का नुकसान हो रहा है. उन्होंने ये भी बताया था कि कंपनी से निकाले गए कर्मचारियों को तीन महीने के सेवरेंस पैकेज का ऑफर दिया गया है, जो कानूनी बाध्यता से 50 फीसदी अधिक है.