भगवान विष्णु व माता सिंहवाहिनी को लगाया 56 भोग,पिपरिया बस स्टेंड में महिलाओं ने किया कार्तिक स्नान व्रत का समापन
मंडला
जिले के विकासखंड मुख्यालय निवास अंतर्गत आज ग्राम पिपरिया बस बस स्टैंड में कार्तिक स्नान का एक अलग ही महत्व है। यह शारीरिक, मानसिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है। कार्तिक स्नान शरद पूर्णिमा अश्विन पूर्णिमा से शुरू होकर कार्तिक पूर्णिमा तक किये जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार कार्तिक महीने में जो लोग सुबह भोर से पहले उठकर नदी तालाब आदि में स्नान करके विष्णुजी की पूजा करते है उन पर भगवान की असीम कृपा होती है। भगवान विष्णु कार्तिक मास में जल में निवास करते हैं, जो लोग भोर से पहले पानी से स्नान करते हैं। उन्हें सुख समृद्धि और स्वास्थ्य लाभ होता है। जो लोग कार्तिक महीने में समुद्र या नदी में नहाते हैं उन्हें अश्व मेघ यज्ञ जैसा लाभ होता है। वहीं तुलसी पूजन का भी महत्व बताया हैं,पंडित विनोद दुबे के अनुसार इस माह को बड़ी दीपावली भी कहते हैं ओर बताया कि इस समय गंगा माता द्रव रूप में नदियों, तालाबों और समुद्र में फैल जाती हैं। निवास के समीपी ग्राम पिपरिया की बस स्टैंड की महिलाओं ने कार्तिक स्नान व्रत का मास भर सूर्योदय के पूर्व स्नान, पूजन कर पूरे विधि-विधान से पालन करते हुए सोमवार को कार्तिक के अंतिम दिन पर पिपरिया पर बस स्टैंड पर स्थित माता सिंघवाहिनी मंदिर में पूजन अर्चन किया और माता को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग अर्पित करते हुए उद्यापन किया गया। वहीं इस अवसर पर आरती के बाद महाप्रशाद का वितरण किया गया। सामूहिक रूप से महिलाओं ने बताया गया कि महिलाओं द्वारा प्रतिदिन कार्तिक माह पर सुबह से विधि विधान से पूजन अर्चन किया जा रहा था वही स्नान के बाद माता तुलसी सालिगराम की भी पूजा की जाती थी ।