November 26, 2024

अभद्र व्यवहार से परेशान प्रताड़ित महिलाओं ने अधिकारी के विरुद्ध आयोग में की शिकायत, आयोग ने दिए जांच के निर्देश

0

रायपुर

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने शास्त्री चौक स्थित राज्य महिला आयोग कार्यालय में सुनवाई की। आयोग द्वारा पिछले सुनवाई में आवेदिकागणों को स्वच्छ भारत मिशन के कंसल्टेंट कम्पनी की पूर्ण जानकारी आयोग को देने निर्देशित किया गया था, जिस पर आवेदिकागणों द्वारा अपने उच्च अधिकारियों की जानकारी दिया गया था।

सुनवाई में स्वच्छ भारत मिशन के प्रबंधक उपस्थित हुए। आयोग की पिछली सुनवाई में स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारी के विरुद्ध 7 से अधिक महिलाओं ने आयोग के समक्ष मानसिक प्रताडना की शिकायत की थी। आज की सुनवाई में स्वच्छ भारत मिशन के प्रबंधक सहित आवेदिकागणों के साथ 18 लोग भी उपस्थित रहे। आज सुनवाई में सभी आवेदिका सहित उपस्थित लोगों से आयोग की अध्यक्ष ने विस्तार से उनकी परेशानियों को सुना। स्वच्छ भारत मिशन के प्रबंधक ने बताया कि उनके विभाग में लगभग 100 से अधिक कर्मचारी कार्य करते हैं और उनके यहां आंतरिक परिवाद समिति का गठन हुआ है। जिसमे मात्र 3 लोग हैं और कार्यरत महिलाओं में से उस समिति में कोई भी महिला नही है। ऐसी दशा में यह आंतरिक परिवाद समिति का गठन गलत और दूषित होना पाया गया।

आयोग ने आवेदिकागण एवं अनावेदक प्रबंधक  को समझाइश दिया कि वे तत्काल आंतरिक परिवाद समिति का गठन करे जिसमे 5 सदस्य का होना अनिवार्य है। इसके साथ इस समिति में आधे से अधिक महिलाओं को रखना अनिवार्य है। आयोग द्वारा इस प्रकरण पर प्रबंधक अधिकारी को निर्देशित दिया गया कि इस प्रकरण की विस्तार से जांच कर आगामी 15 दिवस के भीतर जांच रिपोर्ट तैयार कर आयोग को दस्तावेज देने निर्देशित किया गया है। आयोग की ओर से अधिवक्ता सुश्री शमीम रहमान को आंतरिक परिवाद समिति के निष्पक्ष जांच हेतु नियुक्त किया गया है। जिससे इस प्रकरण पर कानूनी प्रावधानों का पालन सुनिश्चित हो सकेगा। आंतरिक परिवाद समिति की बैठक में सभी आवेदिकागण और इस प्रकरण से संबंधित गवाही देने वाले सभी सदस्य अपना लिखित बयान शपथ पत्र में भी प्रस्तुत कर सकते हैं या मौके पर अपना बयान दर्ज करा सकते हैं। आंतरिक परिवाद समिति की बैठक और गवाहों के बयान के आधार पर कमेटी की रिपोर्ट की दस्तावेज आयोग में प्रस्तुत होने के पश्चात इस प्रकरण की आगामी सुनवाई कर निराकरण किया जा सकेगा।

 आयोग द्वारा प्रबंधक को निर्देशित किया गया कि इस प्रकरण के निराकरण होते तक आवेदिकागणों एवं उनके सहयोगियों एवं किसी भी कर्मचारियों को सेवा से मुक्त न करे।अनावेदक स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारी के द्वारा किये गए गूगल मीट व अन्य निदेर्शों पर अपना नियंत्रण रखने के भी निर्देश आयोग द्वारा दिये गए हैं, ताकि बदले की भावना या दुर्भावना से किसी कर्मचारी को कार्य मुक्त न किया जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed