गुरु नानक की “सबको बराबर मानने और प्रेम व करुणा के मार्ग पर चलने” की शिक्षा आज भी प्रासंगिक – मुख्यमंत्री चौहान
- मुख्यमंत्री ने प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारा नानकसर में मत्था टेका
- प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि, सबके जीवन में प्रगति और प्रदेश के विकास के लिए की अरदास
- अन्याय करने वालों को दंडित करने के सिख-गुरुओं के हुक्म का पालन कर रही है राज्य सरकार
- मुख्यमंत्री चौहान ने लंगर छका और सेवा भी दी
भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि “एक नूर से सब जग उपज्या” के माध्यम से गुरु नानक देव जी की सबको बराबर मानने और प्रेम व करुणा के मार्ग पर चलने की दी हुई शिक्षा आज भी प्रासंगिक है। उन्हीं के द्वारा दिखाया गया मार्ग विश्व में शाश्वत शांति का पथ प्रशस्त करेगा। मुख्यमंत्री चौहान गुरुद्वारा नानकसर, हमीदिया रोड भोपाल में गुरुनानक देव जी के 553वें प्रकाश पर्व के अवसर पर मत्था टेकने के बाद संगत को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सिख गुरुओं द्वारा अन्याय करने और समाज में अशांति फैलाने वालों को दंडित करने के हुक्म का पालन करते हुए ही राज्य सरकार ऐसे तत्वों के विरुद्ध त्वरित और सख्त कार्यवाही कर रही है।
मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुद्वारे में मत्था टेक कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि, सबके जीवन में प्रगति और प्रदेश के विकास के लिए अरदास की। मुख्यमंत्री ने “जो बोले सो निहाल-सत श्रीअकाल” तथा “वाहे गुरु का खालसा-वाहे गुरु की फतह” के उद्घोष से अपना उद्बोधन खत्म किया। मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारा परिसर में सबद कीर्तन का श्रवण भी किया।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री चौहान प्रतिवर्ष प्रकाश पर्व पर आशीर्वाद लेने और मत्था टेकने गुरुद्वारे में उपस्थिति देते हैं। मुख्यमंत्री को गुरूद्वारे की ओर से शॉल तथा प्रतीक चिन्ह भेंट किए गए। मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारे में लंगर छका और लंगर परोसने व बर्तन धोने की सेवा भी दी। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग भी उपस्थित थे।