November 27, 2024

बोले जयशंकर बातचीत के रास्ते पर लौटें यूक्रेन और रूस

0

मास्को

यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार रूस की यात्रा पर गए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष भारत के लिए एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस संघर्ष के बीच भारत और रूस की सरकारों के बीच एक मजबूत संपर्क बना हुआ है। जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ बैठक से पहले कहा, "विभिन्न स्तरों पर हमारी सरकारों के मध्य मजबूत और सतत संपर्क हैं।" बता दें कि जयशंकर ऐसे समय में रूसी दौरे पर हैं जब रूस का यूक्रेन के साथ संघर्ष कई महीनों से जारी है। जयशंकर ने यूक्रेन-रूस युद्ध पर कहा कि "भारत दृढ़ता से इस बात को दोहराता है कि दोनों देशों को बातचीत के रास्ते पर लौटना चाहिए।"

यहां मास्को में विदेश मंत्री जयशंकर सर्गेई लावरोव से मिलने के बाद जशंकर ने इशारों इशारों में कहा कि इस बैठक के अलग मायने नहीं निकाले जाने चाहिए। जयशंकर ने मॉस्को में रूस के विदेश मंत्री लावरोव के साथ बैठक में उद्घाटन वक्तव्य में कहा, "हमारी बैठक हमारे संबंधों का आकलन करने और वैश्विक परिस्थितियों पर एक दूसरे के नजरिए को समझने के लिए है। हमारी वार्ता में समग्र वैश्विक स्थिति और विशिष्ट क्षेत्रीय चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा।" बता दें कि पिछले कुछ महीनों में, कई पश्चिमी देशों द्वारा दबाव बनाए जाने के बावजूद भारत ने रूस से रियायती कच्चे तेल का आयात बढ़ाया है।

भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, "जहां तक द्विपक्षीय संबंधों की बात है, हमारा उद्देश्य एक समकालीन, संतुलित, परस्पर लाभकारी और दीर्घकालिक साझेदारी के निर्माण का है।" जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष उनके लिए शीर्ष मुद्दा है। उन्होंने कहा, "कोविड, व्यापार संबंधी मुश्किलों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। लेकिन अब हम यूक्रेन संघर्ष के परिणामों को इस मामले में शीर्ष पर देख रहे हैं।" रूसी समकक्ष के साथ बैठक में जयशंकर ने कच्चे तेल, कोरोबार समेत कई मुद्दों पर बातचीत की। जयशंकर ने आगे कहा, "आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन के हमेशा बने रहने वाले मुद्दे भी हैं जिनका प्रगति तथा समृद्धि पर नकारात्मक असर होता है।

जयशंकर ने कहा, "भारत, रूस तेजी से बहुध्रुवीय और पुन: संतुलित होती दुनिया में एक दूसरे के साथ साझेदारी कर रहे हैं। हम दो ऐसी सरकारें हैं जिनके बीच अत्यंत स्थायी और समय की कसौटी पर खरे संबंध रहे हैं।"

फरवरी में यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद से जयशंकर और लावरोव चार बार मिल चुके हैं। हालांकि रूस में ये पहली मुलाकात है। इससे पहले रूस के विदेश मंत्री ने अप्रैल में भारत का दौरा किया था। इस दौरे के दौरान लावरोव ने जयशंकर के साथ व्यापक बातचीत की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पिछले साल दिसंबर में भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आए थे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *