कांग्रेस के ट्विटर हैंडल को ब्लॉक करने का आदेश हाई कोर्ट नेे किया खारिज
बेंगलूरु
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कांग्रेस पार्टी को बड़ी राहत देते हुए शहर की एक निचली अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें पार्टी और भारत जोड़ो यात्रा के ट्विटर हैंडल को अस्थायी तौर पर ब्लॉक करने का आदेश दिया गया था। वाणिज्यिक अदालत ने सोमवार को कॉपीराइट कानून के उल्लंघन मामले में कांग्रेस पार्टी के ट्विटर हैंडल को अस्थायी तौर पर ब्लॉक करने का आदेश दिया था।
न्यायाधीश जी.नरेंद्र और न्यायाधीश पीएन देसाई की खंडपीठ ने आदेश को रद्द करने का फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी को अपने सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म से कॉपीराइट का उल्लंघन करने वाली सामग्री का ट्वीट हटाना होगा। वाणिज्यिक अदालत के आदेश को रद्द करने का फैसला कॉपीराइट उल्लंघन करने वाली सामग्री के हटाने के अधीन हैं।
इससे पहले कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलील में कहा कि केजीएफ-2 के साउंडट्रैक के साथ 45 सेकेंड के वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफार्म से हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भारत जोड़ो यात्रा के ट्विटर हैंडल को अस्थायी तौर पर ब्लॉक करने का ट्विटर को दिया गया आदेश साउंडट्रैक के स्वामित्व का दावा करने वाली कंपनी के लिए प्रासंगिक नहीं है।
पीठ ने भी माना कि ट्विटर हैंडल को ब्लॉक करने की आवश्यकता नहीं है। अदालत ने कांग्रेस पार्टी की उस दलील को दर्ज किया कि वह कल दोपहर 2 बजे तक उल्लंघन करने वाले ट्वीट्स को हटा देगी।
कॉपीराइट उल्लंघन का मामला
दरअसल, एमआरटी म्यूजिक का प्रबंधन देखने वाले एम. नवीन कुमार ने राहुल गांधी समेत तीन कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कन्नड़ फिल्म केजीएफ-2 के संगीत का कथित रूप से उपयोग करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने दावा किया था कि केजीएफ-2 के संगीत का उपयोग कर कॉपीराइट कानूनों का उल्लंघन किया गया है। वाणिज्यिक अदालत ने अपने आदेश में कहा कि प्रथम दृष्ट्या साक्ष्यों से यह स्थापित होता है कि संगीत के ओरिजिनल वर्जन का इस्तेमाल कुछ मामूली बदलावों के साथ हुआ है। इससे न केवल कारोबार की अपूरणीय क्षति होगी बल्कि यह बड़े पैमाने पर पाइरेसी को बढ़ावा देगा। अदालत ने एक पक्षीय निषेधाज्ञा जारी करने के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक ऑडिट के लिए एक आयुक्त की नियुक्ति भी की थी। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक हाई कोर्ट का रुख किया था।