September 25, 2024

डायरेक्ट IAS की तुलना में प्रमोटी IAS जल्द नहीं बन पाते कलेक्टर

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भोपाल

राज्य प्रशासनिक सेवा और राज्य पुलिस सेवा से प्रमोट होकर आईएएस-आईपीएस बने अफसरों को जिले की कमान के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। हालात यह हैं कि कुछ अफसर तो कलेक्टर और एसपी बनने का सपना लिए रिटायरमेंट की कगार पर आ गए हैं, लेकिन उनका सपना सपना ही रह गया है। इससे उलट सीधी भर्ती से आए अफसरों को जिले की कमान संभालने का मौका इनसे पहले मिलता आ रहा है।

प्रदेश में दस ऐसे आईपीएस अफसर  हैं, जो जिलों में एसपी बनने की लंबे वक्त से बाट जोह रहे हैं। कुछ अफसरों को तीन साल आईपीएस बने हो गए, जबकि कुछ आईपीएस अफसर एक साल से एसपी बनने की राह देख रहे हैं। वहीं दो अफसर ऐसे हैं जो आईपीएस होने के बाद भी लगभग एक साल से राज्य पुलिस सेवा अफसरों को दिये जाने वाले पद पर भी पदस्थ हैं।

रिटायरमेंट के करीब लेकिन नहीं बन सकी एसपी
वहीं 18 वीं बटालियन की कमांडेंट वर्ष 2009 बैच की आईपीएस अनीता मालवीय अब रिटायरमेंट के करीब पहुंच गई हैं। उनका रिटायरमेंट अगले साल जुलाई में हैं, जनवरी में वे डीआईजी के पद पर पदोन्नत भी हो जाएगी, लेकिन वे किसी भी जिले में पुलिस अधीक्षक नहीं बन सकी। जबकि उनके बैच के सभी अफसर जिलों में कप्तानी कर चुके हैं। एक दर्जन से ज्यादा उनके बैच के अफसर अभी भी जिलों में पदस्थ हैं।

ये एसपीएस वाले पद पर ही पदस्थ
प्रदेश में दो आईपीएस अफसर ऐसे हैं जो राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस तो बन गए, लेकिन वे अब तक ऐसे ही पद पर है जो वे राज्य पुलिस सेवा के दौरान पदस्थ थे। इसमें खरगौन जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह पंवार  पिछले साल दिसंबर में आईपीएस हो गए थे, यहां पर एसपी उनके ही बैच के अफसर है।  पंवार को एक साल से नई पोस्टिंग का इंतजार है। वहीं 13 वींट बटालियन एसएएफ में डिप्टी कमांडेंट मनोहर सिंह मंडलोई जब राज्य पुलिस सेवा के अफसर थे, तब भी वे इसी पद पर पदस्थ थे, अब वे आईपीएस हो गए तब भी वे डिप्टी कमांडेंट के पद पर ही पदस्थ हैं।

प्रमोशन के बाद से ही पीएचक्यू में तैनात
वर्ष 2019 में राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस बने सुशील कुमार रंजन लंबे समय से मैदान में नहीं गए हैं। वे राज्य पुलिस सेवा में थे, तब भी वे कुछ समय ही मैदानी पोस्टिंग पा सके थे, इसके बाद वे आईपीएस हो गए, लेकिन मैदानी पदस्थापना नहीं मिल सकी। इसी तरह विकास पाठक, डॉ. वीरेंद्र मिश्रा, निश्चल झारिया, रचना ठाकुर, संजीव कुमार सिन्हा, संजीव कुमार कंचन जब से आईपीएस बने हैं तब से वे पुलिस मुख्यालय में एआईजी के पद पर ही पदस्थ हैं। हालांकि अभी इन अफसरों के पास जिलों के जाने के चांस हैं।

 

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