यूक्रेन जंग में रूस ने गंवाए एक लाख से ज्यादा सैनिक, टेंशन में पुतिन! US ने कहा, कोई फायदा नहीं
रूस
रूस यूक्रेन जंग (Russia-Ukraine Conflict) का अब तक कोई भी नतीजा नहीं निकला है। इस दौरान दोनों पक्षों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। 24 फरवरी से यूक्रेन में भारी तबाही मची हुई है। रूस कीव के कई इलाकों को धवस्त कर चुका है। इन सबके बीच अमेरिकी शीर्ष जनरल ने अनुमान लगाया है कि जंग में अब तक एक लाख से अधिक रूसी सैनिक हताहत हुए हैं।
रूस को लाखों सैनिकों का नुकसान
यूक्रेन जंग ने दुनिया की दशा और दिशा ही बदलकर रख दिया है। कीव पर लगातार हमले हो रहे हैं। रूस यूक्रेन के लिए अपनी सैन्य रणनीतियों को बदल रहा है। मास्को ने इस दौरान यूक्रेन के लिए सैन्य कमांडर भी बदल दिए ताकि जंग को जल्द से जल्द जीता जा सके। हालांकि, अमेरिका के सैन्य अधिकारियों ने जो जानकारी दी है वह बेहद ही चौंकाने वाले हैं।
यूक्रेन जंग का बेरहम चेहरा
अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि जंग में लाखों की संख्या में यूक्रेन और रूस के सैनिकों ने अपनी जान गंवाई हैं। उन्होंने कहा कि इसमें घायलों सैनिक भी शामिल हैं। इनमें घायल सैनिक भी शामिल हैं। अमेरिकी जनरल मार्क मिले ने 9 महीने पुराने यूक्रेन संघर्ष का जिक्र करते हुए यह आंकड़े पेश किए हैं। हालांकि, सैन्य अधिकारी का कहना है कि, सर्दियों के मौसम में स्थिति में बदलाव आने की उम्मीद है। विशेषज्ञों ने बताया कि सर्दियों के मौसम में जंग लड़ना कठिन हो जाएगा और इससे बातचीत के दरवाजे खुल सकते हैं।
बातचीत से निकलेगा हल
अमेरिकी जनरल मार्क मिले से यूक्रेन में कूटनीति की संभावनाओं , बातचीत से समस्या का समाधान से संबंधित प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि, प्रथम विश्व युद्ध में वार्ता नहीं होने की वजह से लाखों लोग मारे गए थे। प्रथम विश्व युद्ध में दुनिया ने भारी मानवीय क्षति देखी। उन्होंने कहा की यूक्रेन जंग को समाप्त करने के लिए वार्ता जरूरी है, ताकि मानवीय क्षति पर विराम लगाया जा सके। इसलिए जब बातचीत करने का अवसर मिले हमें वार्ता की दिशा में बढ़कर शांति के लिए प्रयास करना चाहिए।
पीछे हट रहा रूस
बता दें कि, इससे पहले बुधवार को, रूस ने घोषणा की कि उसके सैनिक रणनीतिक दक्षिणी के पास निप्रो नदी के पश्चिमी तट से हट जाएंगे। वहीं, यूक्रेन के महत्वपूर्ण शहर खेरसॉन से हटना रूस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने कहा कि, निप्रो नदी के उत्तर में रूस के कम से कम 20 से 30 हजार सैनिक रहे होंगे। उन्होंने कहा कि सैनिकों की वापसी में एक सप्ताह से अधिक का समय लग सकता है।
जंग एक महत्वपूर्ण मोड़ पर
विशेषज्ञ इसे युद्ध का महत्वपूर्ण मोड़ मानकर चल रहे हैं। कई विशेषज्ञों का कहना है कि, खेरसॉन को छोड़ना रूस के लिए बड़ा झटका है और यह आगे दोनों देशों के बीच बातचीत का दरवाजा खोलने में मदद कर सकता है। कई विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि, सर्दियों के समय रूस कुछ समय के लिए युद्ध को विराम देकर अपनी सेना को फिर से नई ऊर्जा प्रदान करेगा और इसके लिए वह यूक्रेन के साथ बातचीत का रास्ता अपना सकता है।