हमीरपुर सदर सीट पर BJP के नरेंद्र ठाकुर का भविष्य दांव पर, निर्दलीय उम्मीदवार ने बिगाड़ा भाजपा-कांग्रेस का खेल
हमीरपुर
12 नवंबर को हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। वोटिंग से पहले मतदाताओं को अपने-अपने पक्ष में करने के लिए सत्ताधारी पार्टी बीजेपी समेत सभी राजनीतिक दल यु्द्धस्तर पर प्रचार-प्रसार में जुट गए है। तो वहीं, आज हम बात कर रहे हैं हमीरपुर सदर विधानसभा सीट की। हमीरपुर सदर सीट से भाजपा ने नरेंद्र ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है। तो वहीं, कांग्रेस ने डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा को मैदान में उतारा है।
वैसे तो हमीरपुर सदर सीट भाजपा की सबसे सुरक्षित सीट है, लेकिन भाजपा के बागियों की वजह से इस सीट पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। तो वहीं, बदलते राजनीतिक हालातों में इस बार भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र ठाकुर का राजनीतिक भविष्य दांव पर लग गया है। जी हां..इस बार निर्दलीय उम्मीदवार अशीष शर्मा ने भाजपा व कांग्रेस के लिए मुसीबत पैदा कर दी है। लेकिन कांग्रेस को इसका लाभ मिलता दिखाई दे रहा है।
तो वहीं, भाजपा उम्मीदवार नरेंद्र ठाकुर के मुकाबले कांग्रेस पार्टी ने डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। पूर्व मंत्री रणजीत सिंह वर्मा के बेटे पुष्पेंद्र वर्मा हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर हैं और कोरोना काल में सुर्खियों में आये थे। उस दौरान उन्होंने लोगों की मदद की थी। वहीं, संघ परिवार के करीबी आशीष शर्मा ने भाजपा टिकट न मिलने की वजह से बगावत कर निर्दलीय मैदान में उतर कर चुनाव को को रोचक बना दिया है। आशीष शर्मा की वजह से यहां मुकाबला तिकोना हो गया है और भाजपा के वोट बैंक पर खासी चोट लग रही है। जिससे कांग्रेस पार्टी को फायदा हो रहा है।
हमीरपुर आज प्रदेश में शिक्षा के हब के रूप में उभर कर सामने आया है। हमीरपुर शुरू से ही भाजपा का गढ़ रहा है। यही वजह है कि यहां कांग्रेस पार्टी का कोई नेता उभर नहीं पाया है। ब्राह्मण व अनुसूचित जाति के मतदाता भी यहां हैं। इस क्षेत्र में राजपूत मतदाताओं का दबदबा रहा है। जो हमेशा ही भाजपा का साथ देते आये हैं। धूमल के मुकाबले कोई दूसरा नेता यहां न होने की वजह से चुनाव एकतरफा ही होते आये हैं। अब देखना होगा कि इस बार भाजपा प्रत्याशी को लोग कितना समर्थन देते हैं।