राजधानी का वातावरण सुधारने,100 करोड़ से 300 सीएनजी बसें खरीदी जाएंगी
भोपाल
राजधानी में बीते दो महीने से लगातार चल रहे निर्माण कार्यों, जर्जर सड़कों और त्योहार में आतिशबाजी से जमकर वायु प्रदूषण हो रहा है। हालात ये हैं कि शहर में एक्यूआई 450 को पार कर गया है। ऐसे में वायु प्रदूषण कंट्रोल करने को लेकर जल्द ही कार्ययोजना बनाने की बात कही जा रही है। नगर निगम प्रशासन का दावा है कि अगले साल यानी 2023 से शहर में सीएनजी, इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो रेल से राजधानी का परिवहन भी स्मार्ट हो जाएगा। पेट्रोल व डीजल गाड़ियों से होने वाले से प्रदूषण भी कम होगा।
अरेरा कॉलोनी, टीटी नगर में AQI 400 के पार
राजधानी में प्रदूषण के चिंताजनक आंकड़े दिखाई देने लगे हैं। दिवाली की रात जो पॉल्युशन लेवल था। 7 और 8 नवंबर की रात भी वैसा ही एक्यूआई रहा। 24 घंटों में से 6 घंटे एक्यूआई सीवियर यानी 400 से अधिक बना रहा। यह स्थिति अरेरा कॉलोनी और पर्यावरण परिसर इलाकों में 7 नवंबर की रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक रही। यही हालात 6 और 7 नवंबर की रात 10 बजे से सुबह 3 बजे तक भी बनी रही। इसी प्रकार टीटी नगर इलाके में 7 नवंबर की सुबह करीब 7 से 9 बजे के बीच एक्यूआई 400 से अधिक रहा। इसके पहले टीटी नगर में ऐसी स्थिति 24-25 अक्टूबर की रात 12 से सुबह 3 बजे तक रही थी। पीसीबी के रीजनल आफिसर बृजेश शर्मा ने बताया कि उन्होंने टीम बनाकर रात में सर्चिंग करवाना शुरू कर दी है। नगर निगम को सूचित कर दिया है। 400 से अधिक एक्यूआई सीवियर की श्रेणी में आता है। जो सांस के मरीजों के अलावा सामान्य मरीजों के लिए भी नुकसानदेह माना जाता है।
100 करोड़ रुपये से खरीदी जा रही हैं 300 सीएनजी बसें
भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीसीएलएल) द्वारा शहर को डीजल बसों के प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए 300 सीएनजी बसों को भोपाल शहर में उतारने का निर्णय लिया गया है। प्रथम चरण में 40 सीएनजी बसों का संचालन सितंबर महीने तक शुरू हो गया था। इसके बाद अक्टूबर महीने में भी 10 बसें शुरू की गई थी। अधिकारियों का दावा है कि दिसंबर, 2022 तक शहर की सड़कों में 300 से चलने लगेंगी। इससे पर्यावरण प्रदूषण में 60 फीसदी की कमी और संचालन में 40 फीसदी राशि की बचत होगी। इन बसों का संचालन करने का दायित्व हैदराबाद की कंपनी इनक्यूबेट सॉफ्टटेक प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है। करीब 100 करोड़ रुपये से इन बसों की खरीदी की जा रही है।
राजधानी में मेट्रो रेल से हरित होगा पर्यावरण
भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण में आठ किलोमीटर, एम्स से सुभाष नगर तक पिलर व रेलवे लाइन डालने का काम तेजी से किया जा रहा है। इसके बाद सुभाष नगर से करोंद चौराहा तक करीब सात किलोमीटर की अंडरग्राउंड लाइन डालने को लेकर सर्वे का काम जारी है। वहीं, दूसरे चरण में रत्नागिरी चौराहा से भदभदा तक 12 किलोमीटर का रूट बनाने का काम होगा। सरकार ने इस रेल प्रोजेक्ट के तहत दो रूटों पर मेट्रो संचालन सितंबर, 2023 में शुरू करने का लक्ष्य रखा है।
2023 तक चलेंगी 200 इलेक्ट्रिक बसें
राजधानी में साल 2023 तक 200 इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी। पहले चरण में 100 बसों का संचालन किया जाएगा। एक बस की अनुमानित कीमत एक करोड़ रुपए से अधिक है। यह प्रोजेक्ट डिपार्टमेंट आफ हेवी इंडस्ट्री (डीएचआई) के अंतर्गत चलाया जाएगा। इसमें डीएचआई 40 प्रतिशत की सब्सिडी देगी, जबकि 60 प्रतिशत खर्च आपरेटर को उठाना पड़ेगा। इसका संचालन भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीसीएलएल) के माध्यम से किया जाएगा। बसों को चार्ज करने के लिए दो से तीन डिपो बनाए जाएंगे। यहां पर रात में इन बसों को चार्ज किया जाएगा।