November 15, 2024

गोदामों का किराया घटाने से नाराज गोदाम संचालक हुए गोलबंद

0

भोपाल

प्रदेश के गोदामों में धान के भंडारण के लिए राज्य भंडारगृह निगम ने किराया घटाया तो बालाघाट, सिवनी मालवा, कटनी और जबलपुर जिलों में सरकार को गोदाम किराए पर देने के लिए इस बार कम प्रस्ताव आए। ये सभी धान उत्पादक और मिलर्स वाले जिले है इसलिए सीजन में यहां दिक्कत आ सकती है। गोदाम संचालकों ने सरकार पर दबाव बनाने इस बार जिलों मेें कम क्षमता के भंडारगृहों के लिए करार किए है।

भंडारगृह निगम ने इस साल ज्वाइंट वेंचर में धान भंडारण के लिए निजी गोदाम संचालकों से धान रखने के लिए प्रस्ताव बुलाए थे। लेकिन इस बार व्यवस्था में बदलाव करते हुए केवल गोदामो को किराए से लिया गया था। इन गोदामों में रखे अनाज की सुरक्षा के लिए कीटनाशकों, दवाओं के खर्च, धान की सूखत से होने वाले नुकसान, सुरक्षा के लिए अमले को लगाने जैसे खर्चो की जिम्मेदारी भंडारगृह निगम ने स्वयं उठाने का फैसला किया है। यह काम दूसरी एजेंसियों के जरिए कराया जाएगा। पहले भंडारगृह निगम भंडारगृह संचालकों को 82 रुपए प्रति मीट्रिक टन किराया देता था। इसमें तीस रुपये का खर्च संचालक को आ जाता था और उसे किराये के रूप में 52 रुपए मिलते थे। निगम ने इस साल इसे घटाकर 45 रुपए कर दिया है। इससे भंडारगृह संचालकों की आमदनी घट गई है। इसके चलते प्रदेश के 52 जिलों में से 33 जिलों में इस बार 35 लाख 51 हजार  मीट्रिक टन धान रखने के लिए गोदाम संचालकों ने प्रस्ताव दिए है और निगम के साथ करार किया है। बालाघाट, सिवनी, कटनी और जबलपुर जिलें में पिछले बार की अपेक्षा इस बार कम क्षमता के ही प्रस्ताव आए है। लगभग पांच लाख मीट्रिक टन कम धान भंडारण के लिए प्रस्ताव मिले है।

इसलिए बदली योजना
भंडारगृह संचालक गोदामों में रखे अनाज को पानी में भिंगोकर वजन बढ़ा देते थे। अनाज बदल देते थे। सूखत  बता देते थे। अनाज में मिलावट भी होती थी। इसे रोकने के लिए अब भंडारित अनाज की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी दूसरी एजेंसियों को सौपी गई है। इसका खर्च भी किराए में से कम कर दिया गया है।

संचालक बना रहे प्रेशर
इस पूरे मामले में गोदाम संचालकों की मोनोपॉली सामने आ रही है। गोदाम संचालक किराया बढ़ाने के लिए प्रेशर बना रहे हैं। धान उत्पादक जिलों में ही कम मात्रा के प्रस्ताव दिए गए है ताकि जरूरत पड़ने पर भंडारगृह निगम को किराया बढ़ाने के लिए दबाव बनाया जा सके।

यहां से इतने धान भंडारण के प्रस्ताव
बालाघाट    2735 मीट्रिक टन
सिवनी    67244 मीट्रिक टन
कटनी    46833 मीट्रिक टन
जबलपुर    283506 मीट्रिक टन
नर्मदापुरम    957937 मीट्रिक टन

19 जिलों में नहीं मिले गोदाम
प्रदेश के 19 जिलों में तो एक भी भंडारगृह संचालक ने धान भंडारण के लिए प्रस्ताव नहीं दिया है। हरदा, ग्वालियर,दमोह बैतूल, नरसिंहपुर, रायसेन, सीहोर और रीवा में भी अच्छे प्रस्ताव आए है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *