राजधानी में सरकारी एजेंसीयों ने कर रखा है सोसायटी की जमीनों पर कब्जा
भोपाल
राजधानी की 128 हाउसिंग सोसायटियों की करीब 1300 से अधिक शिकायतें गत तीन सालों में जांच के लिए सहकारिता विभाग में आ चुकी हैं। इन शिकायतों की जांच सहकारिता विभाग द्वारा की गई हैं। जांच में सामने आया कि राजधानी में ऐसी करीब 10 से अधिक गृह निर्माण समितियां हैं, जिनकी जमीन पर बीडीए, नगर निगम सहित अन्य सरकारी या निजी उपक्रमों के कब्जे हंै। इन सोसायटियों में जमीनों से अवैध कब्जे हटे तो सैकड़ों सदस्यों को जमीन मिलने का रास्ता खुल सकेगा। हालांकि इसके लिए कवायद तो खूब हुई, लेकिन सफलता एक बार भी नहीं मिल सकी। सहकारिता विभाग द्वारा की गई जांच में खुलासा हुआ था कि प्रगति हाउसिंग सोसायटी की जमीन ऐसी है, जहां नगर निगम ने सद्भावना पार्क बना रखा है।
इन सोसायटियों में विवाद
- प्रगति गृह निर्माण समिति की कोहेफिजा कॉलोनी में 100 प्लाट काटे गए। मप्र गृह निर्माण बोर्ड ने इसमें से 83 प्लॉटों का आवंटन 1979 में किया। बचे हुए 17 में से 11 प्लॉटों पर वर्ष 2000 में नगर निगम भोपाल ने सद्भावना पार्क बना डाला, जबकि 6 प्लॉटों की जमीन पर झुग्गियां तनी हुई हैं।
- हिलटॉप गृह निर्माण समिति की 5 एकड़ जमीन हैं। इसमें आधे एकड़ से अधिक पर नग नगर निगम ने शेल्टर होम बना दिया है। वहीं कुछ भूमि पर पर झुग्गियां बनी हुई हैं। समिति के सभी सदस्यों को अभी भी प्लाट मिलने का इंतजार है।
- रोहित गृह निर्माण समिति की 8.30 एकड़ जमीन पर बीडीए ने कब्जा कर रखा है। जमीन समिति को वापस लौटाने के लिए पूर्व में कई बार बीडीए को पत्र लिखे गए।