November 24, 2024

GOODNEWS :सरकार जनता को पेट्रोल-डीजल की कीमत घटाकर दे सकती है बढ़ी राहत

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 नई दिल्ली
 
पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की महंगाई से परेशान लोगों को जल्द ही एक बड़ी राहत मिल सकती है. दरअसल, आगामी कई राज्यों के चुनाव से पहले पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Petrol-Diesel Price) में कमी के आसार बन गए हैं. इसकी वजह है कि अंतरराष्ट्रीय मार्केट में काफी समय से कच्चे तेल की कीमतों में नरमी बनी हुई है. ऐसे में इंडियन ऑयल, BPCL-HPCL जैसी तेल मार्केटिंग कंपनियों को पेट्रोल-डीजल को बेचने में फायदा हो रहा है.

वैसे तो इन कंपनियों ने लंबे समय तक दाम स्थिर रखे हैं, जिसकी वजह से इन्हें भारी घाटा भी हुआ है. लेकिन अब पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर हो रहे फायदे का कुछ हिस्सा ये जनता को भी दे सकती हैं.

कितना सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल?

पेट्रोल पर इस वक्त कंपनियों को करीब 6 रुपये प्रति लीटर का सरप्लस मिल रहा है. ऐसे में कंपनियों के लिए दाम घटाना मुमकिन है. अब पिछले नुकसान की भरपाई के लिए ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पूरा फायदा तो ग्राहकों को देने से रहीं लेकिन इसका कुछ अंश वो जरूर आम आदमी को राहत देने के लिए कम कर सकती हैं. हिमाचल और गुजरात में चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद कीमतों में कटौती के कयास बढ़ गए हैं. अनुमान है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर तेल मार्केटिंग कंपनिया ढाई रुपये प्रति लीटर तक की राहत लोगों को दे सकती हैं

रूस के सस्ते तेल ने दिया मौका

भारत ने इस साल रूस से कच्चे तेल का आयात काफी बढ़ाया है. रूस-यूक्रेन युद्ध के पहले जहां भारत के कुल क्रूड आयात में रूस की हिस्सेदारी 2 फीसदी भी नहीं थी. वहीं अब ये 20 फीसदी के करीब पहुंच गई है. पिछले महीने पहली बार रूस भारत को कच्चा तेल सप्लाई करने वाले देशों की लिस्ट में इराक और सऊदी अरब जैसे पारंपरिक सप्लायर्स को पीछे छोड़कर पहले नंबर पर आ गया. इसकी वजह है कि भारत को अंतरराष्ट्रीय कीमतों के मुकाबले रूस से बेहद कम कीमत पर कच्चा तेल मिल रहा है.

इंटरनेशनल मार्केट में रेट

इंटरनेशनल मार्केट में जहां क्रूड 100 डॉलर प्रति बैरल पर मिल रहा है. वहीं रूस से 25 डॉलर प्रति बैरल तक पर भारत को कच्चा तेल मिल रहा है. हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों की वजह से रूस ने अपने कच्चे तेल का दाम घटाकर 18 से 25 डॉलर प्रति बैरल तक कम कर दिया है. इसके अलावा कुछ और देशों से भारत को कम या ज्यादा डिस्काउंट पर क्रूड आयात करने का मौका मिल जाता है.

इराक पर बढ़ा दबाव

रूस से आयात बढ़ने से इराक पर भी दबाव बढ़ा है, जिसकी वजह से हाल ही में इराक ने अपने क्रूड ऑयल का दाम भारत के लिए काफी घटाया है. कुछ वैरायटी का कच्चा तेल तो वो रूस से भी कम कीमत पर भारत को दे रहा है. इस सबकी वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में 100 डॉलर प्रति बैरल पर मिलने वाला कच्चा तेल भारत को 75 से 80 डॉलर प्रति बैरल के औसत दाम मे मिलता है.

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